Inspirational Context : सच्चा सुख वही, जो दूसरों की भलाई में मिले, बच्चों से सीखें जीवन का पाठ
punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 05:18 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Context : पिता ने अपने बेटे को कुछ पैसे देकर फल लाने के लिए बाजार भेजा। बच्चे को रास्ते में कई गरीब लोग दिखे, जिनके बदन पर वस्त्र भी पूरे नहीं थे। वे भूख से छटपटा रहे थे और लोगों से मदद मांग रहे थे। पर कोई उन पर ध्यान नहीं दे रहा था। बच्चे को उन पर दया आ गई।
उसने उनको वे पैसे दे दिए। उन गरीबों के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर बच्चे को बेहद संतोष हुआ। वह प्रसन्न मन से घर लौटा। पिता ने बेटे को खाली हाथ आता देखकर कहा, ‘‘बेटा, फल नहीं लाए ?’’
बालक ने हंसकर उत्तर दिया लाया हूं न।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर कहां हैं, फल दिखाई नहीं दे रहे।’’
बालक ने कहा, ‘‘आज तो मैं अमर फल लाया हूं पिता जी।’’ पिता ने पूछा, ‘‘इसका क्या मतलब है ?’’
बालक बोला, ‘‘मैंने बाजार में जब अपने ही जैसे कुछ लोगों को भूख से तड़पते देखा तो मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपने पैसे उन्हें दे दिए ताकि वे कुछ खा सकें। उनकी भूख मिट गई। हम लोग फल खाते तो दो-चार क्षणों के लिए हमारे मुंह में मिठास हो जाती पर भूखों को खिलाकर जो फल हमने पाया है उसका स्वाद और प्रभाव तो स्थायी रहेगा। वह अमर रहेगा।’’
पिता अपने बेटे की बात से भाव-विभोर हो गए। उन्होंने मन ही मन सोचा ऐसा फल शायद ही किसी बेटे ने पिता को लाकर दिया होगा। वह लड़का आगे चलकर बहुत बड़ा संत बना।
