हिंदू धर्म में पूजा से पहले क्यों लिया जाता है संकल्प?
punjabkesari.in Friday, May 29, 2020 - 05:30 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर धर्म का अपना अलग महत्व है, तो वहीं प्रत्येक धर्म में प्रार्थना आदि करने का तरीका भी अलग है। हिंदू धर्म की बात करें तो इसमें पूजा की विभिन्न तरह की किस्में है। इसमें भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना से लेकर यज्ञ आदि का अधिक महत्व है। कहा जाता अगर पूजा-अर्चना पूरे मन से की जाए इसके शुभ प्रभाव से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। मगर इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी माना जाता है। परंतु आज भी ऐसे लोग हैं, जिन्हें हिंदू धर्म की समस्त प्रकार की पूजा के बारे में तो पता है मगर इस दौरान अपनाए जाने वाले नियमों का नहीं पता है। आज हम आपको इन्हीं नियमों से सबके खास नियम के बारे में बताने जा रहे हैं। जो हर तरह के धार्मिक अनुष्ठान व पूजन के दौरान अपनाया जाना अति आवश्यक होता है।
हिंदू धर्म में हर प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान व पूजा आदि से पहल श्री गणेश की पूजा होती है, इस बारे में शायद सभी जानते हैं मगर इसके अलावा पूजा से पहले संकल्प लिया जाना भी बहुत ज़रूरी माना जाता है। मगर क्यों?
इस बारे में शायद किसी को नहीं पता। दरअसल धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बिना संकल्प लिए किसी भी प्रकार की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। और न ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो पाता है। बता दें हिंदू धर्म की मान्यताओं की मानें तो पूजा में संकल्प लेने से मतलब अपने इष्टदेव और स्वयं को साक्षी मानकर पूजन कर्म को संपन्न करना। ऐसी किंवदंतियां प्रचलित है कि बिना संकल्प लिए पूजा का सारा फल देवराज इंद्रराज को मिल जाता है। यही कारण है कहा जाता है पूजा से पहले संकल्प ज़रूर लेना चाहिए। ध्यान रहे संकल्प हमेशा सर्वप्रथम पूज्य भगवान गणेश के सामने लिया जाता है ताकि पूजा में किसी किसी प्रकार की कोई रुकावट न हो और पूजा संपन्न हो जाए।
कैसे लें संकल्प
हाथ में जल लेकर पांच तत्वों अग्नि, पृथ्वी, आकाश, वायु और जल को साक्षी मानकर पूजा का संकल्प लिया जाता है।