Ram Mandir: आइए, आप भी करें अयोध्या राम मंदिर की यात्रा

punjabkesari.in Monday, Jan 01, 2024 - 09:36 AM (IST)

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विष्णुना सदृशो वीर्ये सोमवत्प्रियदर्शनः। कालाग्निसदृशः क्रोधे क्षमया पृथिवीसमः।।

अर्थात – प्रभु राम विष्णुभगवान के समान बलवान हैं। उनका दर्शन चंद्रमा के समान मनोहर प्रतीत होता है। वे क्रोध में कालाग्नि के समान और क्षमा में पृथ्वी के सदृश हैं। (श्लोक 18, सर्ग 1, बालकाण्डम्, वाल्मीकि रामायण)

रामलला जन्मस्थली पर भव्य मंदिर तैयार हो रहा है, पूरे देश में इसे लेकर उत्साह है। बहुत से लोग रामलला के दर्शन की अभिलाषा लिए यात्रा की तैयारी में भी हैं। अयोध्या यात्रा की तैयारियां और झलकियां हम आपके लिए यहां ला रहे हैं। 

VHP took out the worshiped Akshat Kalash Yatra विहिप ने निकाली पूजित अक्षत कलश यात्रा
अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के दर्शन के लिए 1 जनवरी से 15 जनवरी तक घर-घर निमंत्रण एवं पूजित अक्षत वितरण के कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रविवार को पूजित अक्षत कलश यात्रा निकाली गई। यहां विश्व हिंदू परिषद ने जिलाध्यक्ष विमल सिंह के नेतृत्व में केरारवीर बाबा मंदिर से लेकर किला, कोतवाली, चहारसू, ओलंदगंज होते हुए सद्भावना पुल तक पूजित अक्षत कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा में जय श्री राम का नारा लगाते हुए बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल तथा संघ परिवार के कार्यकर्त्ताओं के साथ बड़ी संख्या में जिले के राम भक्त उपस्थित रहे।

Attractions of Karsevakapuram कारसेवकपुरम का आकर्षण
सुप्रीम कोर्ट के 2019 में ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में बहुत कुछ बदल गया है लेकिन ‘कारसेवकपुरम’ अब भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अयोध्या की मूल निवासी आरती इस पवित्र शहर में 30 से अधिक वर्ष से कारसेवकपुरम में संचालित एक कार्यशाला में अलंकृत नक्काशीदार पत्थरों की सफाई और पॉलिश के काम में लगी हैं। आरती ने कहा कि ये पत्थर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण स्थल पर भेजे जाएंगे। हमें अच्छा लग रहा है कि हम इसमें योगदान दे रहे हैं।  वह उन महिलाओं के समूह में शामिल हैं जो अयोध्या के कारसेवकपुरम में राम जन्मभूमि न्यास द्वारा संचालित ‘कार्यशाला’ में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक काम करती हैं। इस दौरान एक घंटे का दोपहर में भोजनावकाश होता है। एक लोहे के ब्लेड से, आरती नक्काशीदार पत्थर की सतह पर जमे काले निशानों को धैर्यपूर्वक इंच-दर-इंच हटाती हैं। इस काम के लिए उन्हें प्रति माह 12,000 रुपये मिलते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से भक्त और अन्य आगंतुक रामलला के दर्शन के लिए और निर्माणाधीन मंदिर की एक झलक पाने के लिए आ रहे हैं। इनमें से कई लोग कारसेवकपुरम में आयोजित इस कार्यशाला में भी आते हैं।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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