Raksha Bandhan 2021: भाई को सूत्र बांधने से पहले इन देवताओं का बांधी जाती है राखी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 17, 2021 - 03:22 PM (IST)

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22 अगस्त रविवार को इस वर्ष का राखी पर्व पड़ रहा है। सनातन धर्म में इस त्यौहार को अधिक महत्व प्राप्त है। यही कारण है देश के कई राज्यों में ये त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती है तथा उनके उज्जवल भविष्य के साथ-साथ उनकी लंबी उम्र की कामान करती हैं। परंतु क्या आप जानते हैं भाईयों को राखी बांधने से पहले राखी सनातन धर्म के कुछ देवताओं को बांधी जाती है। जी हां, बहुत कम लोग जानते हैं धार्मिक किंवदंतियों के अनुसार रक्षा बंधन पर अपने भाईयों को राखी बांधने से पहले भगवान को राखी बांधी चाहिए। मगर क्यों? इसके बारे में जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को नहीं है। तो आए जानते हैं कि हिंदू धर्म के किन देवी-देवतांओं को राखी बांधी जाती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता का आशीर्वाद है। जिस कारण प्रत्येक तरह के मांगलिक व शुभ कार्य में सबसे पगहले इनकी आराधना की जाती है। यही कारण है कि राखी के पर्व पर भी सबसे पहले राखी का सूत्र गणेश जी को बांधी जाती हैं। 

गणपति जी प्रथम पूज्य देवता हैं। किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करने के पूर्व उन्हीं की पूजा करते हैं। इसीलिए सबसे पहले उन्हें ही राखी बांधी जाती है। गणपतिजी की बहनें अशोक सुंदरी, मनसा देवी और ज्योति हैं।

हिंदू पंचांग में किए उल्लेख के अनुसार श्रावण का मास भगवान शंकर को समर्पित है। जिसकी पूर्णिमा तिथि को राखी का पर्व पड़ता है। इसलिए इस दिन भगवान शंकर को राखी बांधी जाती है। 

ग्रंथों में पवनपुत्र हनुमान जी को शिव जी को शिव जी का रुद्रावतार हैं। कहा जाता है चार्तुमास के दौरान जब सब देव सो जाते हैं तो शिव जी रुद्रावतार रूप में सृष्टि का संचालन करते हैं। मान्यता है कि तमाम संकटों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी को राखी बांधते हैं। 

प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिशुपाल का वध करने समय श्री कृष्ण के हाथ से खून बहने लगा तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। धार्मिक कथाएं हैं कि द्रौपदी के इस कार्य के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उसकी रक्षा करने का वचन किया। इसी के चलते राखी का त्यौहार परंपरा में आया। 

इन सभी के अतिरिक्त मनसादेवी के भाई वासुकी के साथ-साथ समस्त नागों की नाग पंचमी के दिन पूजा की जाती है। तो इसके कुछ दिन पड़ने वाली राखी को नागदेव की रक्षा सूत्र अर्पित किया जाता है। कहा जाता है इससे जातक को अपने जीवन में से सर्प योग व हर तरह के भय से राहत मिलती है। 
 


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Content Writer

Jyoti

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