Rahu Ketu Transit 2023-24: 18 महीने के लिए होने जा रहा है राहु-केतु का गोचर जानें, कर्क राशि का हाल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2023 - 10:12 AM (IST)

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Rahu Ketu Transit: आज बात करेंगे राहु और केतु के गोचर के बारे में। ये गोचर हो रहा है इस साल 30 अक्टूबर को। ये वक्र अवस्था में चलने वाले ग्रह हैं। इसके बाद 18 मई 2025 में इनका गोचर होगा। राहु और केतु की अपनी कोई राशि नहीं है। ये जहां पर बैठते हैं, उसी भाव का फल करते हैं। जिस राशि में बैठते हैं, उस राशि के स्वामी का फल करते हैं। ये बहुत ही जल्दी फल करते हैं। तो आइए जानते हैं कि राहु केतु के गोचर से कर्क राशि के जातकों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

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Cancer कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए राहु वैसे भी ज्यादा फल करते हैं। कर्क राशि चंद्रमा की राशि है। ये लोग बहुत भावुक होते हैं और बहुत जल्दी ओवर रिएक्ट करते हैं। दसवें भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु चल रहे हैं। केतु आ जाएंगे तीसरे भाव में। सारे अशुभ ग्रह तीसरे भाव में आकर शुभ हो जाते हैं। केतु का अशुभ गोचर अब शुभ हो जाएगा।

अगर कर्क राशि के जातकों के पास जॉब नहीं है तो उन्हें जॉब मिल सकती है। गुरु और राहु की युति टूटने के बाद निश्चित तौर पर आपको बढ़िया फल मिलेंगे। गुरु की दृष्टि जाएगी छठे भाव के ऊपर। अगर कोई बीमारी चल रही है या फिर जॉब में प्रमोशन की वेट कर रहे हैं तो वहां पर आपको फायदा मिलने की सम्भावना है। ये कर्म स्थान का भाग्य स्थान है।

राहु नौवें भाव से गोचर करेंगे और सीधा चंद्रमा को देखेंगे। ये गोचर शुभ नहीं है। इस वजह से आपको ओवरथिंकिंग की प्रॉब्लम हो सकती है। कुछ लोगों को अनिद्रा से जुड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। इससे बचने के लिए थोड़े फीके रंग के कपड़े पहनें और ज्यादा से ज्यादा मेडिटेशन पर ध्यान दें। राहु की एक दृष्टि जाएगी पंचम भाव के ऊपर। यदि आप सिंगल हैं तो राहु की दृष्टि आपके लिए अशुभता लेकर आएगी। यदि आप रिलेशनशिप में हैं तो थोड़ा सा कॉनफ्लिक्ट पैदा हो सकता है। राहु का काम है गड़बड़ी पैदा करना।

कर्क राशि की महिलाएं जो गर्भवती हैं, वहां पर भी थोड़ा सा ध्यान रखने की जरुरत पड़ेगी। शनि की दसवीं दृष्टि राहु की पांचवी दृष्टि पंचम भाव को देख रही है। इस अवधि के दौरान थोड़ा संभल कर रहें।

केतु तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। अगर भाई के साथ कोई दिक्कत आ रही है तो वहां पर स्थिति थोड़ी सी सही हो सकती है। केतु मंगल की तरह फल करेंगे। केतु तीसरे भाव में बैठते हैं तो ग्यारहवें भाव को देखते हैं। केतु की एक दृष्टि जाएगी सप्तम भाव के ऊपर। ये पार्टनर का भाव है। हो सकता है आपको अंडरस्टैंडिंग में थोड़ी सी दिक्कत आ जाए। यहां पर शनि की दृष्टि दूसरे भाव के ऊपर है। अष्टम सेपेरशन का भी भाव है। पार्टनर की हेल्थ को लेकर थोड़ी सी चिंता हो सकती है।

नरेश कुमार
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Content Writer

Niyati Bhandari

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