Vastu Tips: घर के बाहर लगाएं ये पौधा, शनि और राहु-केतु के बुरे प्रभाव होंगे कम
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 07:32 AM (IST)

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Vastu Tips: भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का विशेष महत्व है। इन नौ ग्रहों में शनि, राहु और केतु को क्रूर और अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। जब इन ग्रहों का प्रभाव किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रतिकूल होता है, तो जीवन में अनेक बाधाएं, मानसिक तनाव, बीमारियां, आर्थिक संकट और पारिवारिक क्लेश उत्पन्न होते हैं। हालांकि इन दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वैदिक उपाय मौजूद हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत सरल, प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय है नीम का पौधा घर के बाहर लगाना।
शनि ग्रह और नीम का संबंध:
शनि ग्रह न्याय का देवता है और कर्मफल देने वाला ग्रह है। यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में विलंब, संघर्ष और परीक्षा लाता है। जब शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, तब व्यक्ति असमंजस, बीमारी, आर्थिक तंगी और सामाजिक कलह का शिकार हो सकता है।
नीम का पौधा शनि की क्रूरता को शांत करता है। नीम का उपयोग औषधियों में होने के कारण यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, जो शनि से जुड़े रोगों जैसे गठिया, त्वचा रोग, जोड़ों का दर्द आदि को कम करता है।
शनिवार को नीम के नीचे दीपक जलाने और ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करने से शनि की शांति मानी जाती है।
राहु ग्रह और नीम का प्रभाव:
राहु एक छाया ग्रह है और इसका संबंध भ्रम, आकस्मिक घटनाओं, मानसिक अशांति और नकारात्मक विचारों से है। नीम की पत्तियां और वातावरण नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की क्षमता रखते हैं। राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नीम के पास प्रतिदिन कुछ समय बिताना लाभकारी होता है। नीम राहु के कारण उत्पन्न मनोवैज्ञानिक विकार जैसे चिंता, भय और भ्रम को शांत करता है।
केतु ग्रह और नीम का संबंध:
केतु भी राहु की तरह एक छाया ग्रह है और यह आत्मा, वैराग्य और अप्रत्याशित हानियों से जुड़ा होता है। जब केतु अशुभ होता है, तो जीवन में आध्यात्मिक भटकाव, रोग और निराशा देखी जाती है। नीम के समीप ध्यान या साधना करने से केतु के प्रभाव से उपजे मानसिक विषाद में राहत मिलती है। नीम घर के वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे मानसिक शांति आती है और केतु के प्रभाव से बचाव होता है।
नीम का पौधा कहां और कैसे लगाएं ?
नीम का पौधा घर के मुख्य द्वार के पास, दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना श्रेष्ठ माना गया है।
शनिवार के दिन या अमावस्या तिथि को नीम का पौधा लगाना शुभ होता है।
नीम के पौधे के पास कच्चा दूध और जल अर्पित करें, सरसों का तेल का दीपक जलाएं और ॐ नमः भगवते वासुदेवाय या ॐ ह्रीं कें राहवे नमः मंत्र का जाप करें।