Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी 14 मई से मकर राशि वालों अब मिलेगी प्रमोशन
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 09:30 AM (IST)
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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति ने राशि बदल ली है 15 मई को। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड है। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु का गोचर 15 मई को हो गया है और 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।
मकर राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर होगा छठे भाव में। छठे भाव का गुरु का गोचर शुभ नहीं होता। तो मकर राशि के जातकों के लिए गुरु अच्छे भाव के स्वामी नहीं होते हैं क्योंकि गुरु 12वें के स्वामी हो जाते हैं। यहां से तो गुरु प्रोटेक्ट कर देंगे लेकिन गुरु तीसरे के भी स्वामी हो जाते हैं। दोनों ही भाव अच्छे नहीं है, यह शनि की राशि है। शनि की राशि होने के कारण गुरु यहां पर अच्छे भावों के स्वामी नहीं होते और यह गोचर भी आपके लिए अच्छा नहीं है। लिहाजा थोड़ा सा आपको ध्यान जरूर रखना पड़ेगा। कुछ एरियाज है लाइफ के वहां पर गुरु की दृष्टि रहेगी, वहां पर यह गोचर आपके लिए अच्छा हो सकता है लेकिन इस चीज का ध्यान रखिए कि किसी की भी लीगल या फाइनेंसियल गारंटी इस गोचर के दौरान नहीं लीजिएगा। छठे में गुरु बैठे हैं, यहां पर दिक्कत हो सकती है। गुरु यहां से बैठेंगे तो पंचम दृष्टि से दशम को एक्टिव करेंगे। दशम भाव कर्म का भाव होता है, वहां पर आपको फायदा हो सकता है। कारोबार में वृद्धि करवाने का काम यहां पर गुरु कर सकते हैं। आपके काम को पहचान मिलनी शुरू हो सकती है। 12वें को गुरु देखेंगे, विदेश यात्रा करवा सकते हैं। लेकिन 12वें के सिग्निफिकेंस खर्चे वाले भी होते हैं, वह भी एक्टिव हो जाएंगे। इसके साथ ही यदि आपका काम विदेश से संबंधित है तो वहां पर कुछ न कुछ लाभ जरूर हो जाएगा। गुरु यहां पर बैठेंगे तो इसकी दृष्टि जाएगी आपके धन स्थान के ऊपर। धन में वृद्धि हो सकती है, कुटुंब में आपके आपका रिस्पेक्ट बढ़ सकता है। जो सेकंड हाउस होता है वह फैमिली हाउस होता है। आपकी ईटिंग हैबिट्स यदि डिस्टर्ब है तो हो सकता है कि वहां पर आपकी ईटिंग हैबिट्स थोड़ी सी ठीक हो जाए। तो नॉर्मली यह गोचर अच्छा नहीं होता लेकिन जहां पर गुरु की दृष्टि जाती है, वह अच्छे फल करना शुरू कर देते हैं। तो, मकर राशि के जातकों के लिए थोड़ा सा न्यूट्रलाइज रहेगा। कुछ चीजों के मामले में नुकसानदायक हो सकता है। तीसरे भाव के सिग्निफिकेंस डिस्टर्ब होंगे क्योंकि तीसरा भाव आपका आपका पराक्रम का भाव है, कॉन्फिडेंस में कमी आ सकती है। छोटे भाई के साथ ट्यूनिंग आपकी गड़बड़ हो सकती है। मकर राशि के जातकों को गुरु के छठे भाव के गोचर के दौरान यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए।
गुरु ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में।
गुरु को मजबूत करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें।
गुरु का सबसे बेहतर उपाय है फल का पेड़ लगाना।
पेड़ होता बुध से आता है और गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा, गुरु आपको अलग से फल देंगे।
आप मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। आप पीली दाल या पीले प्रसाद का भी दान कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा डिस्टर्ब कर रहे हैं ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनें।
गुरु को सही करने के लिए पुखराज पहनें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आठवें बारहवें भाव में न हो।
यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।
नरेश कुमार
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