Mangal ketu Yuti 2025: आने वाले 51 दिन जो 51 साल तक रहेंगे याद, 1989 में बना था ऐसा योग, हुई थी बड़ी घटनाएं

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 02:17 PM (IST)

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Mangal ketu Yuti 2025: जब भी मंगल और केतु सिंह राशि से गोचर करते हैं नायह देश के लिए पूरी 11 दिन है इनमें जो भी घटनाएं होंगी वो अपने आप में स्पेशल होगी। मंगल और केतु भारत के फोर्थ हाउस में आने वाले हैं। एक नहीं दो नहीं तीन-तीन अग्नि तत्व इस समय में भारतवर्ष की कुंडली में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।आखिरी बार अगस्त 1989 में मंगल और केतु सिंह राशि में इकट्ठे हुए थे। उस समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री जो वी.पी सिंह थे उस समय की राजनीति में एक भूकंप ला दिया था। इस घटना ने पूरे के पूरे आने वाली हिस्ट्री को बदल के रख दिया था। यही घटना थी जिसने 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन वाली जो हृदय विदारक घटना थी उसको भी जन्म दिया था। 7 जून से लेके 28 जुलाई 2025 के बीच में मंगल और केतु यह सिंह राशि से गोचर करने वाले हैं। और इस बार यह समय है 51 डेज का। यह 51 दिन है इनमें जो भी घटनाएं होंगी वो अपने आप में स्पेशल होंगी। इन दिनों में जो भी कुछ घटनाक्रम होंगे कई बार वो बीज का काम करेंगे जिसकी फसल आने वाला समय काटेगा और ये फसल भी बड़ी महत्वपूर्ण होगी। ये हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाने वाले समय बनेंगे। 

भारत वर्ष की जन्म कुंडली 15 अगस्त 1947 को रात 12:00 बजे की कुंडली दिल्ली शहर के लैटीट्यूड के हिसाब से। मंगल और केतु भारत के फोर्थ हाउस में आने वाले हैं। लेकिन उससे पहले देखिए मंगल अग्नि तत्व, केतु भी अग्नि तत्व और सिंह राशि अपने आप में अग्नि तत्व एक नहीं दो नहीं तीन-तीन अग्नि तत्व भारत की शांति के ज़ोन में आने वाले हैं। मंगल लीडरशिप के कारक हैं और आज की डेट में भारत एक फर्म लीडरशिप के अंडर है। मंगल साहस के भी कारक हैं, योद्धा भी मंगल होते हैं और महत्वाकांक्षाएं एंबिशंस जितनी भी होती हैं ये भी मंगल होती हैं। केतु हेडलेस प्लनेट है,  ये ज्यादा सोच समझ के काम नहीं करते। कई बार केतु भी लापरवाहियां भी केतु करवाते हैं। ठीक उसी समय भी जो सिंह राशि है यह किसी भी देश के लिए ऑनर का काम करती है। फोर्थ हाउस भारत वर्ष की कुंडली में है, ये पीस एंड स्टेबिलिटी का भाव है। देश की एजुकेशन की लहर होती है या एजुकेशन का भी चौथे भाव से देखा जाता है और यही नहीं किसी भी देश के जो लैंड बॉर्डर्स होते हैं ये भी फोर्थ हाउस से ही देखे जाते हैं। यानी इस समय में भारतवर्ष की कुंडली में लीडरशिप अपोजिशन पॉलिटिक्स ये देश की पीस एंड स्टेबिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं।

केतु सिंह राशि में 18 महीने के लिए 18 मंथ्स के लिए आएंगे लेकिन ये सिंह राशि में जो गोचर होता है, यह हर 18 वर्ष में एक बार होता है और इन 18 महीनों में एक संभावना बनती है कि मंगल एक बार तो केतु के साथ सिंह राशि में आएंगे ही आएंगे। लेकिन पिछले 18 साल के सर्कल में ऐसा नहीं हुआ था। आखिरी बार अगस्त 1989 में मंगल और केतु सिंह राशि में इकट्ठे हुए थे। अगस्त 1989 में जब मंगल-केतु एक साथ हुए कौन सी घटनाएं हुई थी देश में ? 

उस समय में अगस्त 1989 से सितंबर 1989 के बीच में तत्कालीन प्रधानमंत्री जो वी.पी सिंह थे। उन्होंने किसी न किसी वजह से मंडल कमीशन की जो सिफारिशें 9,10 साल से डोरेंट में पड़ी हुई थी उनको रातोंरात एकदम से एक्टिवेट कर दिया था। अब रातोंरात एकदम से एक्टिवेट करना यह केतु का साइन है। 

ये ऐसा भूकंप था जिसने उस समय की तत्कालीन जो वी.पी सिंह सरकार थी, उसकी जड़ों को हिला के रख दिया था। तो इस समय पे यहां पे भारत में स्टूडेंट्स के इतने सारे प्रोटेस्ट हुए थे। इतने सारे प्रोटेस्ट हुए थे कि सारा इंडिया स्टूडेंट्स के रूप में सड़कों पे आ गया था। यानी ये घटनाएं उस समय के लिए एक बीज थी जिसके आपने आने वाले समय में राम मंदिर के बनने के रूप में कई सारे प्रभाव देखे हैं। इसके अलावा देखिए उस समय में कश्मीर में टेररिज्म यही अगस्त सितंबर का टाइम था, जब कश्मीर में हथियार बंद ये दोबारा से जागृत हुआ था। यही घटना थी जिसने 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन वाली जो हृदय विदारक घटना थी उसको भी जन्म दिया था। उस समय में जब मंगल, केतु, सिंह राशि में थे,  ये चीजें इनिशिएट हुई थी। इसके अलावा 1989 में जब मंगल-केतु एक साथ हुए थे, उस समय के घटनाक्रम ने उसके कुछ महीनों बाद ही बर्लिन की दीवार के ढहने की घटना यानी दोनों जर्मनीज़ के इकट्ठे होने की जो घटना थी उसको अंजाम दिया था।

ये भी उस समय की ही घटना थी मंगल-केतु के सिंह राशि में होने की जिसकी वजह से थायनामिन चौक का एक बहुत बड़ा-बड़ा हृदयक बड़ा दर्दनाक कांड हुआ था और ये नहीं अगस्त 1989 से सितंबर 89 के बीच में सलमान रशदी ने वो बुक लिखी थी जिसका रहस्य उद्घाटन कुछ महीने बाद हुआ था। जो हैं इसको अपने कह लीजिए कि मन के दिल पे लगा लें चीजों को। कुछ ऐसी चीजों के होने की संभावना है। लेकिन इसी समय में भारत को टेक्निकली स्पेशली एआई और डिफेंस इनका कोई ऐसे मिक्सचर से ब्रेक थ्रू मिल सकता है जो यानी मंगल और केतु जब भी एक साथ होंगे और स्पेशली सिंह राशि में होंगे या किसी न किसी तरह की ऐसी चीजें जिनका कोई दिमागी बेस ना हो वो जरूर करवा देते हैं। भूकंप के योग जो हैं ये इस समय में दिख रहे हैं और ये किसी न किसी बड़े स्केल पे भी दिख रहे हैं जिसकी वजह से परेशानी हो जाए और इंडिया को बॉर्डर से संबंधित कोई नाकोई डिस्प्यूट भी इस समय में दिख रहा है। ये चाइना के साथ हो सकता है,  ये बांग्लादेश के साथ हो सकता है। इवन पाकिस्तान के साथ हो सकता है लेकिन किसी न किसी तरह से जो लैंड बॉर्डर्स है उनका कोई न कोई विवाद इस समय में देखने को मिल सकता है। 

भारत को रक्षा में डिफेंस में बहुत आगे पहुंचा सकता है और इसी समय पे भारत जो है ये अपनी लीडरशिप के थ्रू किसी ना किसी ऐसे मुकाम पे पहुंच सकता है जो अगले लंबे समय तक भारत को इतिहास के पन्नों में एक प्राउड मार्क दिलवा सकता है। तो ये जो 51 दिनों  का समय है, ये देश के लिए एक तरफ से किसी ऐसे फैसले का शिकार देश को कर सकता है, जिसकी वजह से प्रोटेस्ट हो जाएं। नेचुरल क्रेमिट आ सकती हैं या बॉर्डर्स के इश्यूज आ सकते हैं  लेकिन ठीक उसी समय पे डिफेंस के मामले में या कह लीजिए कि किसी न किसी सरकार के लैंडमार्क फैसले के लिए वजह से भी यह समय 51 दिन हैं ये जाने जाएंगे। खाली यही नहीं सितंबर महीने में सिंह राशि में ही एक ग्रहण भी लगने वाला है और फिर से मार्च 2026 में भी सिंह राशि में ग्रहण लगने वाला है। तो यह भी देश दुनिया की एस्ट्रोलॉजी कहती है, इंडियन एस्ट्रोलॉजी कहती है कि जिस राशि में ग्रहण लगता है देश की कुंडली के अनुसार वो राशि वो घर वो एक्टिवेट रहता है अच्छे या बुरे कारणों से। तो यहां पर सिंह राशि भारत के फोर्थ हाउस में है। 
 


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Content Editor

Prachi Sharma

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