‘वादा करें तो निभाएं, किसी का दिल न दुखाएं’

punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2018 - 09:09 AM (IST)

जालंधर (शीतल जोशी): ‘वादा रहा प्यार से प्यार का अब हम न होंगे जुदा, ये मेरी धड़कनें सुन रहा है खुदा’, ‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा, रोके जमाना चाहे रोके खुदाई, तुम को आना पड़ेगा....’ फिल्मी गीतों में प्यार, कस्में, वायदों व वफा की न जाने कितनी अहमियत बताई गई है। 


प्यार के मौसम यानी वैलेंटाइन डे के इंतजार में बीतने वाले हर दिन में युवा कुछ न कुछ खास करते हैं। टैडी डे पर जिन्होंने प्यार का संदेश टैडी के द्वारा भेजा और उनका प्यार स्वीकार भी हुआ, वैलेंटाइन वीक के 5वें दिन उस प्यार को सारी जिंदगी निभाने का वादा करने का दिन है यानी ‘प्रॉमिस डे’। युवाओं में तो पहले से ही वैलेंटाइन वीक  के हर दिन को मनाने का क्रेज है पर अब तो बड़ों ने भी प्यार की अहमियत को स्वीकार कर लिया है। अब तो वे भी वैलेंटाइन वीक के हर दिन को परिवार के साथ मस्ती करके मना रहे हैं। देखा जाए तो हर उम्र वर्ग के लोगों की मस्ती के मूड को भुनाने के लिए विभिन्न नामी कम्पनियां भी अपनी खूब जेबें भर रही हैं।


प्रॉमिस करना और तोडऩा बना फैशन  
भारती का मानना है कि आजकल फ्रैंड्स तो अपनी हर बात को सच साबित करने के लिए वादा कर देते हैं। प्रॉमिस करना और फिर उसे तोडऩा रिवाज बन गया है। ऐसे में वह तो यही कहेगी कि वादा किया है तो उसे दिल से निभाएं भी। प्रॉमिस करके उसे बाद में न निभाना सिर्फ फ्रैंड्स ही नहीं घर में बड़े भाई-बहन और मां-बाप भी ऐसा करते हैं। फरहा का मानना है कि वैलेंटाइन डे पर किए जाने वाले वादे सिर्फ फॉरमैलिटी के लिए ही होते हैं। 


फिल्मी अंदाज से करेंगे वादे 
फिल्मों का हर आयु वर्ग के लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। हीरो-हीरोइन की स्टोरी में उनके द्वारा बोले गए डायलॉग लोग आम बातचीत में भी प्रयोग करते हैं। प्रॉमिस डे पर भी युवा फिल्मी स्टाइल से अपनी फ्रैंड्स से जिंदगी का साथ निभाने का प्रॉमिस करना चाहते हैं। अर्जुन का मानना है कि फिल्मी डायलॉग बोलकर गर्लफ्रैंड को इम्प्रैस करना आसान है। चिराग का मानना है कि हीरो-हीरोइन के डायलॉग आम बातचीत से ज्यादा असरदार होते हैं। दिल की बात बोलना शायद मुश्किल हो पर फिल्मी डायलॉग बोलने थोड़े आसान होते हैं। 


क्या सच्चे होंगे वादे? 
प्रॉमिस डे पर जहां लड़के लड़कियों से जिंदगी भर साथ निभाने का वादा करते हैं वहीं लड़कियां भी उस वादे पर खरी उतरने का वादा करती हैं। गृहिणी वनिता का मानना है कि प्रॉमिस डे पर किए जाने वाले वादे उन्हें तो झूठे ही लगते हैं। उनके पति हर बार उन्हें वैलेंटाइन डे पर कहीं घुमाने ले जाने का वादा करते हैं पर वैलेंटाइन डे पर कोई न कोई बहाना बनाकर चंद रोज पहले किए वादे को तोड़ देते हैं। ऐसे में युवा तो वैलेंटाइन डे को मस्ती में ही मनाते हैं तो उनके वादे कितने सच्चे होंगे?


सोच-समझ कर करें ‘प्रॉमिस’ 
मस्ती में किए जाने वाले झूठे प्रॉमिस कहीं आपकी नींद न उड़ा दें। घर में बड़े जब बच्चों को कुछ काम करवाने के लिए उनकी इच्छा पूरी करने का प्रॉमिस करते हैं तो उससे बच्चे अपना काम जल्दी और बढिय़ा करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं लेकिन युवा जब शरारत में ऐसे वादे करते हैं तो वह स्ट्रैस में आ सकते हैं जिस वजह से उनकी नींद भी उड़ सकती है। झूठे वादों से उनका ब्रेकअप भी हो सकता है और युवा रिश्ता टूटने की वजह से कुछ समय तक निराशा में घिर सकते हैं। कई बार युवा अपनी निराशा को निकालने के लिए हिंसक भी हो सकते हैं।  -डा. अमन सूद, सिविल अस्पताल, जालंधर


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