Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: वैश्विक आस्था और एकता का केंद्र बना महाकुंभ
punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2025 - 07:38 AM (IST)
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नई दिल्ली (संजीव शर्मा): महाकुंभ भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक आस्था और एकता का केंद्र बन गया है। अमरीका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, इटली और इक्वाडोर समेत तमाम देशों से आए श्रद्धालु भी महाकुंभ के पहले स्नान पर्व का हिस्सा बने। विदेशी श्रद्धालु सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में स्नान किया और माथे पर तिलक लगाकर जय श्रीराम और हर हर गंगे... के जयकारे लगाए।
विदेशी श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ को आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है। स्पेन की रहने वाली क्रिस्टीना का कहना है कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। मैंने महाकुम्भ के बारे में सुना जरूर था लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है। वहीं, न्यूयॉर्क से आए फैशन डिजाइनर कॉबी हेल्परिन ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराओं को इतने भव्य रूप में देखना मेरे लिए नया अनुभव है। महाकुंभ ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया है।
यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है। रूस से आए मिखाइल और उनके दोस्तों ने कहा कि उन्होंने सिर्फ महाकुंभ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को वह महसूस कर रहे हैं। इटली से आए 12 सदस्यीय श्रद्धालुओं के दल ने भी महाकुम्भ के आयोजन को भारत की महानता बताया।
कभी अमरीकी सेना में बतौर सैनिक अपनी सेवाएं दे चुके माइकल अब संन्यासी बन गए हैं तथा जिन्हें ‘बाबा मोक्षपुरी’ के नाम से जाना जाता है। महा कुम्भ में शामिल होने आए माइकल ने अपनी परिवर्तन की यात्रा साझा की।
उन्होंने बताया, ‘मैं भी कभी साधारण व्यक्ति था लेकिन एक समय ऐसा आया जब मैंने महसूस किया कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है। मोक्ष की तलाश मुझे यहां ले आई।’ जूना अखाड़े से संबद्ध माइकल ने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया है।