कल इस मुहूर्त में करें हनुमान जी के चित्र का पूजन और उपाय, संकटों का होगा नाश

punjabkesari.in Monday, Jan 29, 2018 - 12:51 PM (IST)

आज मंगलवार दि॰ 30.01.18 को माघ शुक्ल चतुर्दशी को पुनर्वसु नक्षत्र होने के कारण बनने वाले प्रीति योग के कारण रुद्रावतार हनुमान के पंचमुखी स्वरूप के निमित्त पूजन, व्रत व उपाय करना श्रेष्ठ रहेगा। हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं अर्थात वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने गए हैं। माघ का महीना तिल दान, दीपदान, तिल स्नान व भक्ति का विशेष काल है। जिसमें किया गया पूजन, व्रत व उपाय सर्वदा शीघ्र फल देते हैं। पंचमुखी हनुमान के पांच मुख नरसिंह, गरुड़, अश्व, वानर और वराह रूप में स्थापित हैं। यह पंचमुख क्रमश: पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण व ऊर्ध्व दिशा में प्रतिष्ठित माने गएं हैं। पूर्व दिशा के वानर मुख से समस्त शत्रुओं का नाश होता है। पश्चिम दिशा के गरुड़ मुख विघ्न-बाधा निवारक माना जाता है। उत्तर दिशा के वराह मुख से आयु, यश व बल प्राप्त होता है। दक्षिण दिशा के नृसिंह मुख से भय, चिंता व परेशानी दूर होती है। ऊर्ध्व दिशा के अश्व मुख से कष्ट में पडे भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हनुमान का पंचमुखी स्वरूप के पूजन से संकटों का नाश होता है, जीवन से अमंगल दूर होता है व अमंगल हारी हैं इनके पूजन से जीवन से अमंगल कष्ट, बाधाओं, संकटों का नाश होता है। 


विशेष पूजन विधि: पंचमुखी हनुमान जी के चित्र का विधिवत पंचोपचार पूजन करें। तांबे के दिए में तेल का दीप जलाएं, गूगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं। सिंदूर चढ़ाएं। गुड़ का भोग लगाएं तथा लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद गुड़ को जल प्रवाह करें।


पूजन मुहूर्त: शाम 17:16 से शाम 17:45 तक।
पूजन मंत्र: ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा॥ 

 

उपाय
संकट नाश हेतु हनुमान जी पर गुड़ का भोग लगाकर लाल गाय को खिलाएं।


अमंगल के नाश हेतु सिंदूर मिले चमेली के तेल से हनुमान जी का अभिषेक करें। 


पारिवारिक कष्ट से मुक्ति हेतु पान के पत्ते पर सिंदूर से राम लिखकर हनुमान जी पर चढ़ाएं।

 


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