आज है साल की सबसे बड़ी एकादशी, इस व्रत को करने के 4 तरीके नहीं जानते होंगे आप

punjabkesari.in Tuesday, Jun 18, 2024 - 01:22 PM (IST)

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Nirjala ekadashi vrat vidhi: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का खास महत्व है। निर्जला एकादशी प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार ये व्रत 18 जून को है। इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक बिना पानी के निर्जला उपवास रखने का विधान है इसलिए इस व्रत को सर्वश्रेष्ठ और कठोर माना जाता है। निर्जला एकादशी को साल की 24 एकादशियों के तुल्य माना गया है। ऐसे में साल के इस दिन व्रत कर लेने से आपको सभी एकादशी व्रत का पुण्य मिलता है। चूंकि ये एकादशी व्रत सबसे कठिन माना जाता है, ऐसे में व्रत खंडित न हो इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम भी बताए गए हैं। निर्जला एकादशी के एक दिन पहले यानी दशमी से ही व्रत के नियम शुरू हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को रखने के 4 तरीके हैं। इनमें से किसी एक तरीके को अपनाकर आप व्रत रख सकते हैं। तो आईए जानते हैं....

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पहला तरीका- निर्जला एकादशी व्रत रखने का सबसे पहला तरीका है कि आप दशमी तिथि के समाप्त होने से पहले खाना-पानी बंद कर दें। इस दौरान एकादशी तिथि को जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इसके बाद द्वादशी तिथि को 11 ब्राह्मणों को भोजन और मीठा जल का पान करके आप भगवान के चरणामृत को ग्रहण कर सकते हैं।

दूसरा तरीका- अगर आप निर्जला एकादशी व्रत रखना चाहते हैं तो इस तिथि को सूर्योदय से पहले जल ग्रहण कर सकते हैं। सूर्योदय के बाद बिना जल सेवन के निर्जला एकादशी का व्रत रखना चाहिए। इसके बाद द्वादशी तिथि को 11 ब्राह्मणों को जल-पान करा कर भगवान के चरणामृत को ग्रहण कर सकते हैं।

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तीसरा तरीका- निर्जला एकादशी व्रत को रखने का एक तरीका ये भी है कि आप इस तिथि को सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत रखें। सूर्यास्त के बाद सिर्फ पानी ग्रहण कर सकते हैं। इस दौरान खाना नहीं खाएं।

चौथा तरीका- निर्जला एकादशी का व्रत करने का चौथा तरीका है। एकादशी को पूजा करने तक पानी इत्यादि का सेवन न करें और दोपहर 12 बजे तक निर्जल रहकर व्रत करें। इसके बाद 11 लोगों को जल-पान कराकर आप पानी पी सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस श्रेष्ठ निर्जला एकादशी व्रत को पांडवों में भीम ने भी किया था। इस कारण इसे पांडव या भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।इस तिथि पर प्यासा रहकर ब्राह्मणों को जल-पान कराने से काफी उन्नति होती है। अगर आप भी निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो इन नियमों का पालन ज़रूर करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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