New Home Vastu 2026: नया घर कैसे चुनें? 2026 के लिए सबसे महत्वपूर्ण वास्तु नियम

punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 09:15 AM (IST)

New Home Vastu 2026: नया घर खरीदना हर व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा और खास फैसला होता है लेकिन केवल खूबसूरत घर चुन लेना ही पर्याप्त नहीं है। वैदिक वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दिशा, संरचना और योजना सही होने पर ही सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। साल 2026 में यदि आप नया घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये वास्तु टिप्स आपकी खुशहाली और समृद्धि की चाबी साबित हो सकते हैं।

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मुख्य द्वार: घर में ऊर्जा प्रवेश का सबसे बड़ा केंद्र
वास्तु के अनुसार घर का मुख्य प्रवेश द्वार घर की कुल ऊर्जा का मार्ग तय करता है। पूर्व, उत्तर और उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में मुख्य दरवाजा सबसे शुभ माना गया है। इन दिशाओं में बने प्रवेश द्वार से घर में लक्ष्मी का प्रवेश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। मुख्य दरवाजा हमेशा साफ, रोशनीदार और अवरोध-मुक्त होना चाहिए।

रसोई घर: स्वास्थ्य, ऊर्जा और वित्तीय स्थिरता का आधार
घर में रसोई वह स्थान है जहां से पूरे परिवार की ऊर्जा निर्मित होती है। वास्तु के अनुसार रसोई दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होना श्रेष्ठ है। यदि यह संभव न हो तो दूसरा विकल्प उत्तर-पश्चिम दिशा है। रसोई में चूल्हा हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जलाना शुभ माना गया है। सही दिशा में रसोई होने से परिवार स्वस्थ, ऊर्जावान और आर्थिक रूप से स्थिर रहता है।

बेडरूम: दांपत्य जीवन और मानसिक शांति का केंद्र
नया घर लेते समय बेडरूम की दिशा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दंपति का मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे दांपत्य संबंध मजबूत होते हैं और मानसिक तनाव कम होता है। बेड हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में सिर करके सोना चाहिए। यह दिशा स्थिरता, प्रेम और दीर्घकालिक सुख का प्रतीक है।

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बाथरूम: घर की ऊर्जा संतुलित रखने के लिए जरूरी नियम
अक्सर लोग बाथरूम को वास्तु में कम महत्व देते हैं, लेकिन यह घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है। बाथरूम और टॉयलेट का स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा सर्वोत्तम माना गया है। यदि टॉयलेट गलत दिशा में हो तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और धन हानि की संभावना रहती है। बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद रखें और नियमित सफाई का ध्यान रखें।

लिविंग रूम: परिवार की खुशियों और मेहमानों के स्वागत का स्थान
लिविंग रूम घर की पहली छाप होता है। लिविंग रूम पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशा ऊर्जा, उजाला, सामंजस्य और सामाजिक उन्नति बढ़ाती है। फर्नीचर हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर भारी रखा जाना चाहिए।

मंदिर: ईशान कोण में पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति
नए घर में मंदिर का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। घर का मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में होना चाहिए। यह दिशा देवगणों की दिशा मानी जाती है और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। मंदिर में गहरे रंग, अव्यवस्था और जूते-चप्पल बिल्कुल न रखें। सही दिशा में बने मंदिर से घर में शांति, सुख और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।

सही वास्तु अपनाएं, घर को बनाएं खुशहाली का केंद्र यदि आप 2026 में नया घर लेने जा रहे हैं, तो ये वास्तु नियम आपके घर को खुशियों, स्वास्थ्य, धन और मां लक्ष्मी की कृपा से भर देंगे। सही दिशा और वास्तु के साथ बना घर जीवन भर सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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