800 साल पुराने गिरावंडी तालाब में कभी नहीं सूखा पानी...

punjabkesari.in Tuesday, Jun 20, 2023 - 10:22 AM (IST)

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नागौर (इंट.): राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में सबसे कम बारिश होती है। बारिश का पानी व्यर्थ न जाए और वहां के रहने वाले निवासियों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए पहले के समय में तालाब, कुएं और अन्य कई प्रकार के पानी एकत्रित करने वाले संसाधनों का निर्माण करवाया जाता था। आज एक ऐसे ही तालाब के बारे में बताने जा रहे हैं जो शुद्ध पानी के लिए जाना जाता है।

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जोरावरपुरा गांव में बना गिरावंडी तालाब यह एक ऐसा तालाब है जो आज तक कभी भी खाली नहीं हुआ है। यह तालाब 800 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। इसका निर्माण खींवसर के ठाकुर द्वारा करवाया गया था। यह तालाब शुद्ध पानी और पांच प्रकार की बत्तखों के लिए जाना जाता है। 

वहीं, ग्रामीण सीताराम ने बताया कि तालाब की गहराई लगभग 40 फीट है। इस तालाब को गिरावंडी के नाम से जाना जाता है।
यह तालाब अपने शुद्ध पानी, लंबाई और चौड़ाई के लिए जाना जाता है, लेकिन तालाब की सुंदरता बढ़ाने के लिए इस तालाब में पांच प्रकार की बत्तखें देखने को मिलती हैं। 

बत्तखों की बात करें तो ब्लैक, सफेद, पीली (हल्दी कलर), गुगली (हल्की भूरी) और पाली बत्तख देखने को मिलती हैं। इस तालाब को गांव का ऑक्सीजन हब भी माना जाता है क्योंकि इस तालाब के आसपास हजारों की संख्या में पेड़ लगे हुए हैं जो वातावरण को शुद्ध करने का काम करते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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