Shani Transit 2025: 30 साल बाद मीन राशि में शनि, धनु राशि को रहना होगा सावधान
punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 09:32 AM (IST)
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Shani Transit in pisces 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। अगली राशि जिसको शनि के इस गोचर का काफ लाभ होने जा रहा है वह है तुला राशि। यह गोचर तुला राशि के जातकों के लिए छठे भाव में होगा और छठे भाव में शनि का गोचर शुभ होता है। अब तुला राशि के लिए शनि योगा कारक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि शनि की मकर राशि चौथे भाव में आ जाती है। शनि की कुंभ राशि जो मूल त्रिकोण राशि है, वह पंचम भाव में आ जाती है। इस लिहाज से शनि वह तुला राशि के जातकों के लिए योगा कारक हो जाते हैं। एक केंद्र और एक त्रिकोण भाव के स्वामी होकर अब गोचर तो निश्चित तौर पर अच्छा रहेगा। गुरु आपके भाग्य के कारक ग्रह होते हैं, गुरु आपके पंचम स्थान के कारक होते हैं। तो निश्चित तौर पर गुरु से संबंधित फल जरूर कर जाएंगे। काफी सारी चीजें करेक्ट करके जाएंगे। शनि आपके लाइफ में काफी चीजों को ठीक करके भी जाएंगे।
धनु राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया शुरू हो रही है। यहां पर शनि आपकी कुंडली में चौथे भाव में गोचर करेंगे। तो निश्चिंत रहिए यहां पर शनि का फल बहुत खराब नहीं होगा लेकिन यदि यह मार्किंग आपकी चार से कम है तो शनि यहां पर आपके लिए डिस्टरबेंस क्रिएट कर सकते हैं। यहां पर चौथे भाव में शनि का फल अच्छा नहीं होता। दृष्टियां खराब फल कर सकती है लेकिन कई बार या तो ऐसा होता है कि जो प्लानेट होता है वह साधारण फल करता है। कई बार विशेष फल कर जाता है यह अच्छे की तरफ भी होता है। बुरे की तरफ भी होता है तो यहां पर यदि तो स्थिति वहां पर एक पॉइंट की है चार्ट में तो यह खराब फल कर जाएगा। जितना शनि का प्रभाव होता है वे उतना ही करेगा। तो यहां पर सबसे पहले तो यह एक तो यह आपके लिए ट्रांजिट का प्रभाव हो गया है। आपकी कुंडली में शनि की दशा चल रही है तो वो बहुत ज्यादा डिस्टर्ब कर सकता है। धनु राशि एक ऐसी राशि होती है जिसके लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। दूसरा भाव मार्ग से होता है, तीसरा भाव का अष्टम भाव होता है। यह दोनों ही भाव अच्छे नहीं कहके जाएंगे। शनि चूंकि गुरु का लग्न है। गुरु के लग्न के लिए गुरु की राशि के लिए अच्छे फल नहीं करते हैं। तो यहां पर यह जो जातक पैदा होते हैं या तो मूला नक्षत्र में मूला नक्षत्र केतु का नक्षत्र है इसका पहला चरण इस धनु राशि में आता है तो इनका जन्म तो मूला नक्षत्र में हुआ है। उनको तो शनि की महादशा मिलती है। लेकिन जिनका जन्म होता है उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण में होता है उनको 50 साल के बाद कहीं न कहीं शनि की दशा मिल जाती है। यदि आपकी उम्र 50 साल के ऊपर है। धनु राशि है तो शनि की महादशा चल रही है। आपके ऊपर महादशा चल रही है और इसके बीच शनि भी आ गए ढैया भी आ गई तो वहां पर फल हो सकता है। शनि फोर्थ हाउस में है और ये आपका पीस ऑफ माइंड होता है, ये प्रॉपर्टी का भाव होता है। ये आपकी मदर का भाव होता है। यहां से आप एसेट क्रिएट करते हैं, इसको सुख स्थान बोला जाता है। तो यहां पर जब शनि आ गए हैं तो प्रॉपर्टी से संबंधित जितने भी विषय हैं, वहां पर दिक्कत हो सकती है। मदर की हेल्थ को लेकर दिक्कत हो सकती है। आपका पीस ऑफ माइंड शनि डिस्टर्ब कर सकते हैं क्योंकि यहां पर शनि बैठेंगे तो दसवीं दृष्टि से आपकी राशि को ही देखेंगे। जब राशि के ऊपर शनि का प्रभाव है यानी कि चंद्रमा के ऊपर आपके चंद्रमा के ऊपर एक ऐसे ग्रह का प्रभाव आ गया जो नैसर्गिक तौर पर शुभ नहीं है। जिसके नैसर्गिक तत्व ही नेगेटिव हैं, वह टेंशन देते हैं, वह बीमारी देते हैं वह कर्जा देते हैं तो निश्चित तौर पर वह आपको थोड़ा सा टेंस कर सकते हैं। जिनके शनि आ रहा है मेडिटेशन शुरू कर दीजिए। मेडिटेशन जरूर करें, यहां पर चीजें डिस्टर्ब हो सकती है क्योंकि राशि के ऊपर क्षण का प्रभाव है। अध्यात्म की तरफ ध्यान बढ़ता हुआ नजर आएगा। आप उससे थोड़ा सा अपने आप को मानसिक तौर पर शांत कर सकते हैं। शनि यहां पर बैठे हैं तो तीसरी दृष्टि छठे भाव पर जाती है। यह रोग का भाव होता है, ये ऋण का भाव होता है। किसी की गारंटी न लें। छठे भाव को शनि देख रहे हैं। रोग, ऋण, शत्रु एक्टिव है। पैसा किसी को उधार मत दीजिएगा। जिनका फाइनेंस का काम है उनके लिए भी खास तौर के ऊपर क्योंकि यहां पर पैसा भी डूब सकता है। जो फंड रेजिंग करना चाहते हैं उनके लिए भी उनको भी स्ट्रगल करनी पड़ेगी। जो लोग लोन लेना चाहते हैं उनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
यहां पर शनि बैठेंगे तो दसवीं दृष्टि, सातवीं दृष्टि से सीधा दसवें भाव को देखेंगे। दशम भाव आपका कर्म का भाव होता है। आप लाइफ में जितना भी कर्म करते हैं, आप कारोबार करते हैं, आप नौकरी करते हैं सब दशम भाव से आता है। यह दशम भाव आपके सरकार का भाव होता है, इसको राज दरबार भी कहा जाता है तो सरकार से संबंधित काम आपके बनेंगे। कार्यस्थल पर आपका प्रभाव आपके खिलाफ कुछ साजिशें हो सकती हैं। चूंकि दशम को भी प्रभावित कर रहे हैं। शनि छठे को भी प्रभावित कर रहे हैं, ये शत्रु का ही भाव होता है। यदि आप नौकरी करते हैं तो ऑफिस पॉलिटिक्स सब जगह पर चलती है वहां पर कांस्टेंसी आपके खिलाफ हो सकती है, इस चीज का जरूर ध्यान रखिएगा। यदि कोई कोर्ट केस चलता है तो कोशिश करिएगा कि इस से पहले 29 मार्च से पहले-पहले निपटाने का कोशिश करें नहीं तो यह लटक जाएगा। यहां पर चीजें डिस्टर्ब हो जाएंगी, शनि की दृष्टि इस भाव के ऊपर है और यहां पर शनि इस भाव के फल को लटका देंगे। धनु राशि के जातकों के लिए शनि के गोचर का इस तरीके का प्रभाव देखने को मिल सकता है। यदि मेडिटेशन करेंगे तो थोड़ा सा बच जाएंगे।
यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है तो शनि के उपाय अवश्य करें -
शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें।
काली दाल का दान करें।
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
नरेश कुमार
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