इस नदी में स्नान करने से कालसर्प व ग्रह दोषों से मिलती है मुक्ति

punjabkesari.in Thursday, Dec 29, 2016 - 02:15 PM (IST)

भारत में बहुत सारी पवित्र नदियां है। हर किसी का अपना अलग महत्व है। ऐसे ही नर्मदा हमारे देश की पवित्र नदियों में से एक है। वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि इस नदी के तट पर राजा कार्तवीर्य अर्जुन ने रावण को हराया था। कहा जाता है कि नर्मदा में स्नान करने से परेशानियों के अतिरिक्त कालसर्प व ग्रह दोष दूर होते हैं। 

 

कालसर्प दोषों से मिलती है मुक्ति
कहा जाता है कि किसी भी महीने की अमावस्या तिथि को नर्मदा नदी में स्नान करके चांदी से निर्मित नाग का संस्कार कर यहां विसर्जन करने से कुंडली का कालसर्प दोष शांत होता है अौर इसके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। 

 

ग्रह दोष होते हैं शांत
नर्मदा नदी में स्नान करने से ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं। यहां स्नान करने से मंगल, शनि, राहु, केतु के दोषों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन नर्मदा के जल में स्नान करने से ऊपरी हवाओं से छुटकारा मिलता है। इस नदी की उत्पति भगवान शिव से हुई थी, जिसके कारण ये नदी आद्य शक्ति की शक्तियों से पूर्ण है। कहा जाता है कि इसमें स्नान करने व दर्शन मात्र से सूर्य के समान तेज, चंद्र के समान सौम्यता, बुध के समान धैर्य एंव गुरु के समान धार्मिकता प्राप्त होती है।

 

विवाह संबंधी रुकावटों का होता है समाधान
नर्मदा नदी के विषय में ये भी कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली अौर शादी में आ रही रुकावटों का समाधान होता है। यहां स्नान करके गीले वस्त्रों सहित शिव-पार्वती का पूजन कर पार्वती जी को लगा सिंदूर स्त्री या पुरुष अपने माथे पर लगाएंगे तो विवाह संबंधी समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। 

 

पितरों के तर्पण के लिए है पवित्र जल
नर्मदा नदी का जल पितरों के तर्पण के लिए भी पवित्र है। यहां स्वयं भी पितरों का तर्पण किया जा सकता है। जिसके लिए नदी में स्नान करके नर्मदा के जल से पितरों का तर्पण करना उनके लिए सुखदायक होता है।


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