तुला राशि की असली पहचान | क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य

punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 02:12 PM (IST)

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Tula Rashi: अगर आपका नाम अंग्रेजी के शब्द R,T से शुरू होता है य फिर यदि आपका नाम हिंदी के अक्षर रा, री, रो, रे, ता, ती, तू, ते, से है, तो तुला राशि के जातकों के स्वभाव की इस राशि का स्वामी वह शुक्र है। शुक्र राक्षसों के देवता कहे गए हैं। इसलिए वृषभ राशि के जातक शुकीन तबीयत के होते हैं। इन्हें थोड़ा सा सजावट ज्यादा पसंद होती है। जीवनसाथी के साथ मिलकर यह कार्य करने वाले होते हैं। खुद को उच्च समाज से जोड़कर चलने वाले होते हैं। अपने नाम को दूर-दूर तक फैलाने और हर किसी के लिए उदार होते हैं। यह लोग भोजन के शौकीन होते हैं। इनको तरह-तरह का भोजन खाना बहुत अच्छा लगता है। यह राशि वायु तत्व की राशि है लिहाजा इन्हें हवाई किले बनाने की बहुत आदत होती है। ऐसे ही गप्पे हाकते हुए कई बार इनको नुकसान भी हो जाता है, क्योंकि फिर इनकी क्रेडिबिलिटी कम हो जाती है। यह मूवेबल साइन है यानी कि चर राशि है। घूमने-फिरने के भी यह खूब शौकीन होते हैं। इनका मूवेबल होना एक तरफ इमोशनल लेवल पर इनकी खूब मदद करता है। वहीं करियर के लिहाज से यह थोड़ा नुकसानदायक भी होता है। इमोशनल लेवल पर मदद इसलिए मिलती है क्योंकि यदि रिलेशनशिप में आए हैं और वहां पर ब्रेकअप हो गया है, तो ऐसे लोग बात को ज्यादा लंबे समय तक दिलो दिमाग में नहीं रखते यानी कि मूव ऑन जल्दी कर जाते हैं। ब्रेकअप जैसी स्थिति में भी यह जल्दी उभर जाते हैं।

करियर- करियर के लिहाज से देखें तो यह लोग नौकरी बार-बार बदलते हैं। इससे करियर में जल्दी स्थिरता नहीं आ पाती और इससे फाइनेंशियल लॉस होता है। यह शूद्र राशि मानी जाती है लिहाजा इन्हें बिजनेस से ज्यादा नौकरी रास आती है। यह लोग नौकरी में अपनी मेहनत के दम पर ऊंचा मुकाम हासिल कर लेते हैं। इस राशि की जो दिशा है वह पश्चिम है। पश्चिम दिशा का मकान ऐसी राशि के जातकों को तुला राशि के जातकों को या पश्चिम दिशा की यात्रा इनको खूब रास आती है। यदि यह लोग पश्चिम में ट्रैवल करेते हैं या फिर पश्चिम दिशा का मकान लेते हैं, तो इन्हें उसका फायदा हो सकता है। यह दिवा बली राशि यानी कि दिन में एक्टिव ऐसी राशि के जातकों को ज्यादा पाएंगे। जब तक सूर्य है सूर्य अस्त नहीं है। इनकी बॉडी और माइंड उस समय तक ज्यादा एक्टिव रहते हैं। बाद में इनकी बॉडी और माइंड की एक्टिविटी थोड़ी सी कम हो जाती है। कुछ राशियां नाइट के समय एक्टिव होती हैं लेकिन ये दिन के समय एक्टिव रहने वाली राशि है। इनके करियर और पैसे की तुला राशि के जातक मंगल के चित्रा नक्षत्र में तीसरे और चौथे चरण में राहु के स्वाति नक्षत्र के चारों चरणों में और गुरु के विशाखा नक्षत्र के पहले तीन चरणों में पैदा होते हैं। मंगल के चित्रा नक्षत्र में जो जातक पैदा होते हैं उनको करियर शुरू होते ही गुरु की दशा मिल जाती है।   जो जातक राहु के नक्षत्र में पैदा होते हैं। उनके लिए करियर गुरु की महादशा के अंत में जाकर शुरू होता है और उन्हें जाकर शनि की महादशा में अधिकतर जातकों को राइज़ मिलता है। करियर के दौरान ही शनि और गुरु अहम भूमिका में आ जाते हैं।
शनि ज्यादा अहम भूमिका में आते हैं। जिनका नक्षत्र खास तौर पर स्वाति है। उनके लिए शनि बहुत ज्यादा ग्रो करवाने वाले प्लनेट हो जाते हैं । शनि इस राशि के जातकों के लिए चौथे और पांचवें भाव के स्वामी होकर योगाकारक ग्रह हो जाते हैं लिहाजा यदि शनि की प्लेसमेंट कुंडली में आठवें और 12वें भाव में न हो तो शनि की दशा में इन्हें खूब तरक्की मिलती है और 40 साल की आयु के बाद यह जातक वित्तीय रूप से काफी सक्षम हो जाते हैं और फाइनेंसियली काफी डिपेंडेंस इनको मिल जाती है।  जिंदगी में कितना धन आएगा और कितनी प्रतिष्ठा मिलेगी कितनी तरक्की मिलेगी यह इनकी कुंडली में शनि और गुरु की स्थिति के ऊपर निर्भर निर्भर करता है क्योंकि यह दोनों ही की अह प्लनेट्स हैं 16 साल एक और 19 साल एक यह 35 साल का जो करियर का पीरियड होता है यह दोनों ही प्लनेट रूल करते हैं, तो यहां पर यदि यह दोनों ग्रह अच्छे हो राशि के स्वामी शुक्र और आय स्थान के स्वामी सूर्य और धन स्थान के स्वामी मंगल कुंडली में मजबूत हो तो इन्हें जीवन में अपार धन अवश्य मिलता है। 

रिलेशनशिप- इस राशि की उन राशियों के जातकों के साथ ज्यादा बनती है जिनके स्वामी शुक्र हैं क्योंकि यह शुक्र की राशि है। शनि है या बुध हैं शुक्र शनि बुध आपस में मित्र होते हैं यानी कि वृषभ राशि, तुला राशि, मकर राशि, मिथुन राशि, कुंभ राशि  इनके साथ इनकी अंडरस्टैंडिंग थोड़ी सी ज्यादा होती है। तुला राशि के जातकों के सातवें भाव में यानी कि शादी वाले भाव में मेष राशि आ जाती है। यह मंगल की राशि है और पार्टनर जो होता है। इनका मंगल से ज्यादा प्रभावित होता है और पार्टनर का स्वभाव थोड़ा सा अग्रेसिव हो सकता है क्योंकि मंगल फ़री प्लनेट गुस्से वाला व्यक्ति जातक होता है। इनका पार्टनर जो है वह जन्म स्थान के पूर्व दिशा में मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। 

हेल्थ- तुला राशि का संबंध जो है वह हमारा किडनी होता है या मूत्राशय जिसको हम गुर्दे बोल देते हैं। इस राशि के लोग अक्सर इन जो अंगों से संबंधित परेशानियां है उनको ज्यादा सामना करना पड़ता है। गुर्दे शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने का काम करते हैं और चंद्रमा की स्थिति इन इन पर प्रभाव डाल सकती है। इससे बचने के लिए ऐसे जातकों को नियमित रूप से पानी का सेवन करना चाहिए और गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिए कई रेमेडीज करनी चाहिए। हर्बल टी आप ले सकते हैं। इसके अलावा ऐसे जातकों को पीठ और कमर का निचला हिस्सा जहां पर जो लोअर बैक होता है। वहां पर पेन की शिकायत हो सकती है। इससे बचने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। कालपुरुष की कुंडली होती है। वहां पर तुला राशि सप्तम भाव में आ जाती है, तो सप्तम भाव से संबंधित कई बार परेशानियां आपको आ जाती है। इसे दूर करने के लिए व्यायाम करते रहना चाहिए। तुला राशि के जातकों को एग्जिमा और एलर्जी आदि हो सकती है क्योंकि एरी साइन है तो त्वचा से संबंधित समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए अपना हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है।  हार्मोनल बैलेंस  को ठीक रहखने के लिए डॉक्टर को कंसल्ट करते रहना चाहिए। जब ये बैलेंस बिगड़ता है तो आपका जो मानसिक स्थिति है वो थोड़ा सा डिस्टर्ब होती है। इससे आपको फिजिकल इशू होता है। इसके कारण इनके जीवन में निर्णय लेने  की कठिनाइयां और अनिश्चितताएं हो सकती है।

उपाय- तुला राशि के जातकों के लिए बुध भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं। जबकि शनि पंचम भाव के स्वामी हो जाते हैं। अपने राशि स्वामी शुक्र के स्टोन हीरे के अलावा यह जातक बुध का पन्ना पहन सकते हैं। शनि का नीलम धारण कर सकते हैं। जिस राशि का आप स्टोन धारण कर रहे हैं मिथुन राशि आपके नौवें स्थान में आ गई और उसका स्वामी बुध बनता है। पंचम में आपके कुंभ राशि आ गई उसका स्वामी शनि बनता है, तो यदि यह ग्रह शुक्र शनि या बुध आपकी कुंडली में छठे आठवें 12व भाव में है मारक स्थान में, तीसरे स्थान में पड़ा है, तो इसका स्टोन न पहनें। राशि स्वामी शुक्र को खुशकरने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद कपड़ा दान कर सकते हैं। इसके अलावा दूध, चीनी, सफेद फूल का भी दान कर सकते हैं। तुला राशि के जातकों के लिए अष्टमुखी रुद्राक्ष अच्छा होता है। उसका संबंध भगवान गणेश जी से है इसे धारण करने से व्यक्ति तेजस्वी होता है। इसके साथ इसको पहनने से फेफड़े के रोग चरम रोग से मुक्ति मिलती है और भय से भी मुक्ति दिलाते हैं। इसे धारण करने पर गणेश जी की कृपा लगातार बनी रहती है। तुला राशि के लिए यह रुद्राक्ष बहुत अच्छा होता है।

नरेश कुमार
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Content Editor

Sarita Thapa

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