Good Morning Luck: सुबह नींद से उठते ही करें यह अनुभूत प्रयोग, सभी काम खुद ब खुद होने लगेंगे
punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 02:24 PM (IST)

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Good Morning Luck: सुबह का समय अर्थात एक नए खूबसूरत दिन की शुरुआत। जिसमें विधाता का शुक्राणा, जिन्होंने एक नया दिन ओर इस संसार में रहने का सुअवसर प्रदान किया। नींद से उठते ही सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरुआत करें, जिससे सारा दिन आपके साथ अच्छा होगा। सुबह का समय पूजा-अर्चना का लिए सबसे श्रेष्ठ होता है। आमतौर पर लोग अपने इष्ट देव का नाम लेते हैं। यदि आप सुबह नींद से उठते ही भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप 3, 11, या 21 बार करते हैं तो बहुत अच्छा है। यह अनुभूत प्रयोग है। यह मंत्र पूरे दिन हर प्रकार से सुरक्षा करता रहता है। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती। भोले बाबा की कृपा से सभी काम खुद ब खुद होने लगते हैं। इस मंत्र के जाप से संसार का हर रोग और कष्ट दूर हो जाता है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का बहुत प्रिय मंत्र है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति मौत पर भी जीत हासिल कर सकता है। इस मंत्र के जाप से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और असाध्य रोगों का भी नाश होता है। शास्त्रों में इस मंत्र को अलग-अलग संख्या में करने का विधान है।
Mahamrityunjay Mantra महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
महामृत्युंजय पाठ 1100 बार करने पर भय से छुटकारा मिलता है। महामृत्युंजय मंत्र 108 बार पढ़ने से भी फायदा मिलता है।
ओम त्र्यंबकम यजामहे मंत्र का 11000 बार जाप करने पर रोगों से मुक्ति मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करने से पुत्र और सफलता की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है।
Keep these things in mind while chanting Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय रखें इन बातों का ध्यान-
मंत्रों का जाप सुबह-शाम किया जाता है।
जैसी भी समस्या क्यों न हो, यह मंत्र अपना चमत्कारी प्रभाव देता है।
भगवान शिव के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
भगवान शिव की प्रतिमा, फोटो या शिवलिंग के सामने आसन बिछाकर इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप शुरू करने से पहले भगवान शिव को बेलपत्र और जल चढ़ाएं।
पूरी श्रद्धा और विश्वास से साधना करने पर इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
महामृत्युंजय चालीसा का उच्चारण सही तरीके और शुद्धता से करना चाहिए।
मंत्र उच्चारण के समय एक शब्द की गलती भी भारी पड़ सकती है।
मंत्र के जप के लिए एक निश्चित संख्या निर्धारित कर लें। जप की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाएं लेकिन कम न करें।
महामृत्युंजय का मंत्र जाप धीमे स्वर में करें। मंत्र जप के समय इसका उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए।
महामृत्यु मंत्र के दौरान धूप-दीप जला कर रखें।
मंत्र का जप सदैव पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करना चाहिए। जब तक मंत्र का जप करें, उतने दिनों तक तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।