Good Luck के लिए शुक्रवार को न खाएं खट्टी चीजें
punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 07:17 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Do not eat sour things on Friday: शुक्रवार को खट्टी चीजें न खाने की परंपरा केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यता नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई गूढ़ आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और आयुर्वेदिक कारण भी छिपे हैं। शुक्रवार को खट्टी चीजें न खाने की परंपरा सिर्फ एक अंधविश्वास नहीं है बल्कि यह शुक्र ग्रह की स्थिरता बनाए रखने का प्रयास है। मां लक्ष्मी की कृपा को अक्षुण्ण रखने का तरीका है और मानसिक, शारीरिक व आध्यात्मिक शुद्धता बनाए रखने का गूढ़ विज्ञान है।
शुक्र ग्रह और स्वाद का संबंध
शुक्रवार का संबंध शुक्र ग्रह से है। शुक्र को आयुर्वेद और ज्योतिष में रस, सुंदरता, प्रेम, प्रजनन क्षमता और विलासिता का कारक माना जाता है। खट्टा स्वाद शरीर में कफ और अम्ल (Acid) को बढ़ाता है। यह शुक्र के शांत, संतुलित और सौम्य स्वभाव में विकृति ला सकता है। शुक्र ग्रह को मजबूत और संतुलित रखने के लिए मधुर, शीतल और सौम्य आहार उपयुक्त माना गया है जैसे दूध, मिश्री, चावल और सफेद मिठाइयां। खट्टा खाने से शुक्र ग्रह अशांत हो सकता है, जिससे सौंदर्य, संबंध, वैवाहिक सुख और प्रजनन शक्ति प्रभावित हो सकती है।
लक्ष्मी तत्त्व और मानसिक ऊर्जा
शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। लक्ष्मी को शुद्धता और सात्त्विकता का प्रतीक माना गया है। खट्टी चीजें आमतौर पर फर्मेंटेड, बासी या अम्लीय होती हैं, जो तामसिकता या मानसिक अस्थिरता बढ़ाती हैं। ऐसे भोजन से ध्यान, पूजा या संकल्प की शक्ति क्षीण हो सकती है, जिससे लक्ष्मी कृपा में बाधा आती है। इसलिए शुक्रवार मन को शांत, सात्त्विक और लक्ष्मीमय बनाए रखने के लिए खट्टे पदार्थों से बचने की परंपरा बनी।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
खट्टा स्वाद पित्त और कफ को उत्तेजित करता है। विशेष रूप से दोपहर के बाद खट्टी चीजें खाने से अम्लपित्त (Acidity), गैस और त्वचा रोग बढ़ सकते हैं। शुक्र ग्रह शरीर के वीर्य और शुक्र धातु से संबंधित है। खट्टे खाद्य पदार्थ इन धातुओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
आयुर्वेद कहता है: अम्लं रात्रौ निषिद्धम्
अर्थात: रात में और विशेष दिनों में खट्टा खाना वर्जित है।
तंत्र-शास्त्र और ऊर्जा संतुलन
शुक्रवार को गुप्त साधनाओं विशेषकर श्रीविद्या, कामकला और सौंदर्य साधनाओं में खट्टे पदार्थों का निषेध है। खट्टे पदार्थ शरीर में अपान वायु को सक्रिय करते हैं, जो निचली चक्रों को उत्तेजित करता है, इससे साधना की उर्ध्व ऊर्जा बाधित होती है। शुक्रवार को तंत्र की दृष्टि से ऊर्ध्वगामी ऊर्जा (उठती हुई ऊर्जा) को बनाए रखने के लिए खट्टी चीजों से बचा जाता है।