Narak Chaturdashi: राक्षस के वध से जुड़ा है नरक चतुर्दशी का त्यौहार, पढ़ें श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों से शादी की कथा

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2023 - 01:30 PM (IST)

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Narak Chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी का पर्व हर वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस रोज पवनपुत्र हनुमान, मां काली, मृत्यु के देवता यमराज और विशेष रुप से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है।

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Narak chaturdashi katha: नरक चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कथा: पुरातन काल में नरकासुर नामक एक राक्षस ने अपनी शक्तियों से देवता और साधु-संतों को परेशान कर दिया था। नरकासुर का अत्याचार इतना बढ़ गया था कि उसने देवता और संतों की 16 हज़ार स्त्रियों को अपना बंधक बना लिया। नरकासुर के अत्याचारों से परेशान होकर समस्त देवता और साधु-संत भगवान श्री कृष्ण की शरण में गए।  इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने सभी को नरकासुर के आतंक से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया।

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नरकासुर को स्त्री के हाथों से मरने का श्राप था इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया और उसकी कैद से 16 हजार स्त्रियों को आजाद करवाया। बाद में ये सभी भगवान श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों के नाम से जानी जाने लगी। नरकासुर के वध के बाद लोगों ने कार्तिक मास की अमावस्या को अपने घरों में दीपक जलाए और तभी से नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाने लगा।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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