Nag Panchami 2024: कालसर्प दोष से निजात पाने के लिए आज करें इस स्तोत्र का पाठ
punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2024 - 06:30 AM (IST)
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Nag Panchami 2024: हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है और 2024 में ये पर्व आज 9 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज के दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है। आज के दिन जो व्यक्ति नाग देवता की पूजा करता है उसके जीवन से जन्म-जन्मांतर के लिए कालसर्प दोष दूर हो जाता है। यदि आपके मन में किसी बात को लेकर भय है तो वो भी इस व्रत को करने के बाद दूर हो जाता है। नाग पंचमी का ये पावन पर्व सुख-वैभव प्रदान करने वाला माना जाता है। हिन्दू धर्म में नाग को देवता का दर्जा दिया गया है। आज के दिन कुछ शुभ संयोग बनने की वजह से इस दिन की खासियत और भी ज्यादा बढ़ गई है। नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन व्रत रखना और उनकी पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकते तो सिर्फ इस स्तोत्र द्वारा आप शुभ फलों के भागीदार बन सकते हैं।
नाग स्तोत्र ॥
ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
विष्णु लोके च ये सर्पाःवासुकि प्रमुखाश्चये।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
रुद्र लोके च ये सर्पाःतक्षकः प्रमुखास्तथा।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
खाण्डवस्य तथा दाहेस्वर्गन्च ये च समाश्रिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
सर्प सत्रे च ये सर्पाःअस्थिकेनाभि रक्षिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
प्रलये चैव ये सर्पाःकार्कोट प्रमुखाश्चये।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
धर्म लोके च ये सर्पाःवैतरण्यां समाश्रिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
ये सर्पाः पर्वत येषुधारि सन्धिषु संस्थिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
ग्रामे वा यदि वारण्येये सर्पाः प्रचरन्ति च।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
पृथिव्याम् चैव ये सर्पाःये सर्पाः बिल संस्थिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
रसातले च ये सर्पाःअनन्तादि महाबलाः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
Benefits of reading Nag Stotra नाग स्तोत्र पढ़ने के फायदे
यदि आप आज के दिन इसका पाठ करते हैं तो आपको हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है।
कालसर्प से मुक्ति पाने के लिए ये उपाय सबसे आसान और सबसे ज्यादा कारगर है।
इसके अलावा यदि आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आज के दिन नाग स्तोत्र पढ़ना न भूलें।