Nag Panchami 2020: जानिए, पूजा विधि और व्रत कथा
punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2020 - 07:09 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Nag Panchami 2020: हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के अलावा ग्रह-नक्षत्र, पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों आदि को भी दैवीय शक्तियों का स्वरूप मान कर उनकी पूजा की जाती है। इन सभी की पूजा को यहां धूमधाम से किसी न किसी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्यौहार हिन्दू पंचाग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 25 जुलाई को मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में नागों को विशेष महत्व दिया गया है। जहां नाग भगवान शिव के गले में हार के रूप में सुशोभित हैं, वहीं भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर विश्राम करते हैं। नाग पंचमी के दिन, आठ नाग देवताओं (अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख ) की पूजा की जाती है।
Nag panchami ki katha: नाग पंचमी की कथा- पौराणिक कथा अनुसार, एक बार अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित ने तपस्या में लीन एक ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया। क्रोध में आ कर ऋषि ने राजा को श्राप दिया की सात दिन बाद तुम्हारी मृत्यु सर्प के डसने से होगी। ऋषि का श्राप सत्य हुआ, ठीक सातवें दिन तक्षक सर्प के डसने से राजा की मृत्यु हो गयी। राजा के बेटे जन्मजय ने क्रोध में आ कर सर्प यज्ञ किया। जिस में नागों की आहुति दी जा रही थी। महर्षि आस्तिक ने इस यज्ञ को रुकवाया और पुनः मनुष्यों और सर्पों के बीच में अच्छे सम्बन्ध बनवायें। तब से यह सर्प पूजा का त्यौहार नाग पंचमी के नाम से मनाया जाता है।
Nag panchami puja vidhi: पूजा विधि- इस दिन नाग का चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति लकड़ी की चौकी पर रखकर, हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की जाती है। प्रसाद के रूप में कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर अर्पित किया जाता है। नागों को ख़जाने का रक्षक भी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से पूजा करने से नाग देवता व्यक्ति को धन-धान्य से समृद्ध करते हैं और उसके जीवन की रक्षा भी करते हैं। इस दिन पूजा करने से काल सर्प दोष का निवारण भी होता है।
आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट – www.goas.org.in