Varuthini Ekadashi: वरुथिनी एकादशी की कथा देती है कन्या दान का पुण्य, आप भी पढ़ें !
punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 07:16 AM (IST)

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Varuthini Ekadashi 2025: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वरुथिनी एकादशी सौभाग्य देने वाली, सब पापों को नष्ट करने वाली और अंत में मोक्ष देने वाली है। इस दिन व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहते हैं इस दिन व्रत और कथा का श्रवण करने से अन्नदान व कन्यादान का पुण्य फल प्राप्त होता है। कोई भी व्रत कथा के बिना पूर्ण नहीं होता। तो चलिए जानते हैं, वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा-
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Varuthini Ekadashi katha: किंवदन्तियों के अनुसार नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक एक राजा राज्य करते थे। राजा बहुत ही दयावान थे। एक समय वो जंगल में बैठकर तपस्या कर रहे थे। उस वक्त एक भालू आया और उनका पैर चबाने लगा लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। उसके बाद वह भालू राजा का पैर घसीट कर पास के जंगल में ले गया।
ये देखकर राजा बहुत डर गया लेकिन उसके कुछ नहीं कहा और विष्णु जी से प्रार्थना करता रहा। वो राजा बहुत ही करुण भाव से भगवान विष्णु को पुकारने लगा। तभी भगवान प्रकट हुए और अपने चक्र से उस भालू को मार डाला लेकिन राजा का पैर तो भालू ने पहले से ही खा लिया था ये देखकर राजा बहुत दुखी हुआ। तब भगवान ने कहा कि तुम दुखी मत हो और मथुरा जाकर वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर मेरी वराह अवतार मूर्ति की पूजा करो। उसके फल से तुम पहले जैसे ही स्वस्थ हो जाओगे।
राजा ने बिलकुल वैसा ही किया और पहले जैसा स्वस्थ और पुन: सुदृढ़ अंगों वाला हो गया। माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी के महत्व के बारे में खुद श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था।