Kalashtami: जानें, किस शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी कालाष्टमी, इस विधि से करें पूजा
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 03:43 PM (IST)

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Kalashtami 2025: अनेक तांत्रिक शास्त्रों मे भैरव जी की महिमा मिलती है। भैरव बाबा शिवगण व दुर्गा के अनुचारी माने गए हैं । इनकी सवारी श्वान है । इनकी उपासना में चमेली के फूल का विशेष महत्व है । यह रात्रि में की गई आराधना से प्रसन्न होते हैं। इनके मंत्र जाप से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है और समस्त शत्रु नत्मस्तक होकर मित्र बनते हैं । भावना से की गई भैरव साधना व मंत्र जाप जीवन में सक्सेस, संतुष्टि व शांति लाता है ।
Kalashtami: कालाष्टमी पर बनेंगे 5 शुभ योग, शत्रु बनेंगे मित्र बस करना होगा ये काम
Kalashtami Mantra कालाष्टमी मंत्र: ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।
Method of worshiping Kalashtami कालाष्टमी पूजा विधि: संध्या के समय प्रदोष काल में घर की पश्चिम दिशा में काला आसन बिछाकर पश्चिममुखी होकर लकड़ी के पट्टे पर काला कपड़ा बिछाएं। काले कपड़े पर उड़द की ढेरी पर भैरव जी का चित्र स्थापित करें । उड़द के आटे से बना चौमुखी दीपक में सरसों के तेल डालकर दीप जलाएं । भैरव जी का धूप, दीप, पुष्प, गंध व प्रसाद से पूजन
करें।
प्रसाद रूप में उड़द के मीठे पकोड़े का भोग लगाएं। पूजन पश्चात काले हकीक की माला से इस मंत्र का जाप करें। जाप पूरा होने के बाद उड़द के मीठे पकोड़े कुत्ते को ही खिलाएं। संभव हो तो काले कुत्ते को खिलाएं, अगर वो न मिले तो फिर किसी अन्य को खिला सकते हैं।
April Kalashtami Vrat 2025 Date अप्रैल कालाष्टमी व्रत 2025 तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार, 20 अप्रैल की संध्या 7 बजे वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। यह तिथि 21 अप्रैल की शाम 6 बजकर 58 मिनट तक रहने वाली है। पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए कालाष्टमी का व्रत और पूजा 20 अप्रैल रविवार के दिन की जाएगी।