Muni Shri Tarun Sagar: ऊपर वाले के नाम पर इस नीचे वाले ने दुनिया को नर्क बना रखा है

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 02:00 PM (IST)

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तुम्हारी अपनी मर्जी
तुमने सुना होगा कि ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता मगर मैं कहता हूं कि तुम्हारे हिले बिना भी एक पत्ता नहीं हिलता। ईश्वर की इस मर्जी के नाम पर आज दुनिया में बड़े-बड़े पाप और संगीन अपराध हो रहे हैं। एक आदमी शराब पीता है, उससे पूछो, ‘‘तू ऐसा क्यों करता है?

तो वह कहता है, ‘‘मैं कहां करता हूं, यह सब तो ऊपर वाले की मर्जी है। सब उसकी मर्जी से हो रहा है।’’

मैं कहता हूं ऊपर वाले की मर्जी से कुछ नहीं होता, जो होता है वह तुम्हारी अपनी मर्जी से होता है। इस ‘ऊपर वाले’ के नाम पर इस ‘नीचे वाले’ ने दुनिया को नर्क बना रखा है।

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चार कदम तुम चलो
परमात्मा बड़ा दयालु है। वह तुमसे दूर नहीं है। वह तुम्हारे इर्द-गिर्द ही है। परमात्मा तुमसे कहता है तू चार कदम चल कर मेरे दर (मंदिर) आ, मैं हजार कदम चलकर तेरे घर आऊंगा। वहां मेरी-तेरी मुलाकात हो जाएगी। तुम्हें सिर्फ चार कदम चलना है, वह हजार कदम चलने को तैयार है, पर तुम इतने बेईमान हो कि चार कदम भी चलने को तैयार नहीं हो। तुम चाहते हो हींग लगे न फिटकरी और रंग चोखा हो जाए।

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दिल और दिमाग
मनुष्य के पास तीन प्रकार की उपलब्धियां होती हैं- तन, मन और धन। अपना तन और धन भले बीवी-बच्चों को दे देना, पर अपना मन सिवाय प्रभु के और किसी को मत देना, वरना तुम्हारा मन मानसरोवर नहीं बन सकता। दिल में प्रभु का वास होता है और दिमाग में शैतान का इसलिए किसी भी कार्य को करने से पहले दिल की आवाज सुनने की आवश्यकता है। जो तन और धन की चिंता करे, वह गृहस्थ तथा जो मन और जीवन (समाधि) की चिंता करे, वह संत।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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