Muni Shri Tarun Sagar: कहीं ऐसा न हो कि ‘अर्जन-अर्जन’ में ही जीवन का ‘विसर्जन’ हो जाए
punjabkesari.in Saturday, Feb 10, 2024 - 10:41 AM (IST)

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1440 मिनट
ईमानदारी से जितना अर्जित करो उसका कुछ हिस्सा सेवा कार्य में समर्पित जरूर करो। कहीं ऐसा न हो कि ‘अर्जन-अर्जन’ में ही जीवन का ‘विसर्जन’ हो जाए। कुदरत हमें हर रोज 1440 मिनट बख्शती है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम उनका कैसा उपयोग करते हैं। 1440 मिनटों में से हम भले ही 1400 मिनट दुनियादारी में दे दें, पर 40 मिनट भक्ति के लिए निकालते चलें, तो जीवन सफल हो जाए।
पुण्य का दुपट्टा
चादर छोटी हो और पैर लम्बे, तो पैर बाहर निकलेंगे या सिर। ऐसी स्थिति में यदि न तो हमारी चादर बढ़ाने की सामर्थ्य है और न ही पैर काटने की तो अब इस समस्या का समाधान क्या है?
समस्या का एक ही समाधान है और वह है तपस्या। नहीं समझे, समझाता हूं। मतलब पैरों को संकुचित कर लेना चाहिए। इच्छाओं को चित्त कर देना चाहिए। पुण्य का दुपट्टा छोटा है और इच्छाओं के पैर बड़े।
मां-बाप की जरूरत
पति-पत्नी शहर में रहते थे। दोनों नौकरी करते थे। उनके संतान पैदा हुई। अब समस्या यह थी कि उसे संभाले कौन? पत्नी बोली : एक आया रख लेते हैं।
पति बोला : भरोसेमंद नौकर ठीक रहेगा।
अंतत तय हुआ कि गांव से मां-बाप को शहर बुला लिया जाए। हमें मां-बाप की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी जरूरतों की वजह से मां-बाप की जरूरत है। उन्हें अपनी जरूरत न बनाएं, मां-बाप की जरूरत बनिए।
‘पास’ और ‘साथ’ के मायने
रात जब आप सबसे ‘गुड नाइट’ कर लो और सिर तकिए पर आ जाए तो मुनि तरुण सागर के ‘कड़वे प्रचवन’ का एक वक्तव्य दोहरा लेना कि तुम्हारे ‘पास’ क्या है, यह महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि तुम्हारे ‘साथ’ क्या है, यह महत्वपूर्ण है। पास के मायने वह जो श्मशान तक जाए और साथ के मायने वह जो श्मशान के आगे भी साथ जाए।
नामुमकिन कुछ नहीं
अंग्रेजी का एक शब्द है Impossible जिसका अर्थ है कि मैं नहीं कर सकता। मतलब हारने से पहले ही हार मान लेना। आम लोगों की भी कुछ ऐसी ही धारणा है। मेरा मानना है कि Impossible शब्द में से Im शब्द हटाने पर बचता है possible जिसका अर्थ है मैं कर सकता हूं। नामुमकिन कुछ भी नहीं है। दूरी तभी तक है जब तक कि आपने चलना शुरू नहीं किया और रात तभी तक है जब तक कि आप सोए हुए हैं।