Muni Shri Tarun Sagar: अगर ऊंचा उठना है तो चूसने और काटने की आदत छोड़नी होगी

punjabkesari.in Saturday, May 17, 2025 - 02:12 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

चूसने और काटने की आदत
मनुष्य की चूसने की आदत बहुत पुरानी है। जब वह पैदा हुआ तो पैदा होते ही मां का दूध चूसने लगा। फिर थोड़ा बड़ा हुआ तो अंगूठा चूसने लगा। फिर थोड़ा और बड़ा हुआ तो आम और गन्ना चूसने लगा और जब पूरा बड़ा हुआ तो मनुष्य का खून चूसने लगा। मच्छर और मनुष्य दोनों काटते हैं, फिर भी मच्छर से मनुष्य ज्यादा खतरनाक है। कारण कि मच्छर काटता है तो सिर्फ खून पीता है लेकिन मनुष्य जब काटता है तो पूरा खानदान तक पी जाता है। मनुष्य को अगर ऊंचा उठना है तो चूसने और काटने की आदत छोड़नी होगी।

Muni Shri Tarun Sagar

खोट की दक्षिणा
मैं तुमसे ‘नोट’ मांगने नहीं आया हूं। ‘वोट’ और ‘सपोर्ट’ मांगने भी नहीं आया हूं। मैं तुमसे सिर्फ तुम्हारी ‘खोट’ मांगने आया हूं। वे खोट जो तुम्हें रात को सोने नहीं देतीं। वे खोट जो तुम्हें दीन-हीन बनाए हुए हैं। वे खोट जो तुम्हारे मां-बाप को तुम्हारी पत्नी और बच्चों को सिर उठाकर चलने नहीं देतीं। मैं मुनि तरुण सागर तुम्हारे दिल के दरवाजे पर झोली फैलाए खड़ा हूं। मेरी इस झोली में डाल दो जीवन की तमाम खोटें व बुराइयां और पा लो अपने जीवन का असली स्वर्ग। बस यही मेरी गुरु दक्षिणा होगी।

Muni Shri Tarun Sagar

चंचल जुबान
बच्चों के पैर चंचल होते हैं। जवान व्यक्ति का रोम-रोम चंचल होता है और बूढ़े व्यक्ति की जुबान चंचल होती है। बूढ़े आदमी को नपा-तुला बोलना चाहिए। अपने बहू-बेटों को अनावश्यक सलाह नहीं देनी चाहिए। बूढ़े व्यक्ति को अपने मुख से या तो आशीर्वाद के शब्द निकालने चाहिएं या फिर मौन रहना चाहिए। तुम्हारा बेटा-बहू, पोता-पोती कुछ भी अच्छा करें तो उन्हें शाबाशी दो। बार-बार टोका-टाकी मत करो। कहो बहुत अच्छा बेटा, तुमसे यही उम्मीद थी। हमेशा खुश रहो। बुजुर्गो! अगर तुमने ऐसा किया तो तुम्हारा बुढ़ापा सुख से कट जाएगा।

Muni Shri Tarun Sagar


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News