Muni Shri Tarun Sagar: बूढ़े आदमी के क्रोध की कीमत कुत्ते जैसी होती है
punjabkesari.in Thursday, Nov 23, 2023 - 08:10 AM (IST)
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बुजुर्गों का क्रोध
बुजुर्गो! अपना क्रोध एकदम बंद कर दो क्योंकि बूढ़े आदमी का क्रोध कोई भी पसंद नहीं करता। जवान अपना क्रोध ‘थोड़ा मंद’ कर ले तो चल जाएगा लेकिन बुजुर्ग को अपना क्रोध ‘थोड़ा मंद’ नहीं, ‘पूरा बंद’ करना होगा। जवानी में तो फिर भी क्रोध की कीमत होती है। जो कमाता है, घर का खर्च चलाता है, लोग उसका क्रोध भी बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन जो न कमाता है और बैठे-बैठे खाता है, फिर भी गुर्राता है, उसका क्रोध कोई पसंद नहीं करता।
बूढ़े आदमी के क्रोध की कीमत कुत्ते जैसी होती है। लोग कहते हैं : बुड्ढे को तो भौंकने की आदत ही पड़ गई है, भौंकने दो।
आंगन की दीवारें
हर रोज कम से कम दस हजार कदम पैदल जरूर चलिए क्योंकि तीर्थों की यात्रा तो दूसरों के कंधों पर सवार होकर की जा सकती है लेकिन जीवन की ऊंचाइयां तो अपने ही कदमों से तय करनी होती हैं।
दूसरों के कंधों पर चढ़कर श्मशान से आगे जाया ही नहीं जा सकता और हां, अपने घर में एक ऐसा पेड़ जरूर लगाओ जिसकी छाया और खुशबू पड़ोसी के घर जाती हो तथा अपने घर के आंगन की दीवारें इतनी ऊंची मत उठाओ कि बाहर से गुजरता हुआ तुम्हारा अपना ही भाई दिखाई न दे।
करो वही जो सच्चा हो
कहो वही, जो सच्चा हो। करो वही, जो अच्छा हो। बोलो, जो मीठा हो। सुनो, जो गीता हो। देखो, जो सत्यम् शिवम् सुंदरम् हो। दिखाओ, जो दिव्य और भव्य हो। खाओ वही, जो प्रभु का प्रसाद हो। पिओ वही, जिसमें अमृत का स्वाद हो। चाल वही चलो, जिसमें सच्चरित्र हो और कार्य वही करो जो पवित्र हो। थोड़ा पढ़ो, चिंतन ज्यादा करो। थोड़ा बोलो, सुनो ज्यादा। कम बोलो और काम का बोलो। जो नपा-तुला बोलता है, उसका बोल दुनिया हमेशा याद रखती है।
चींटी से सीखो
प्रयत्न और पुरुषार्थ सीखना है तो चींटी से सीखो। चींटी अपने से पांच गुणा वजन लेकर दस बार दीवार पर चढ़़ती है, गिरती है, मगर हिम्मत नहीं हारती, 11वीं बार फिर कोशिश करती है और सफल हो जाती है। संघर्ष करिए, कोशिश करिए, सफलता अवश्य मिलेगी।
महावीर से लेकर महात्मा गांधी तक, बुद्ध से लेकर बिड़ला तक, आदि शंकराचार्य से लेकर अब्दुल कलाम तक और तुकाराम से लेकर तरुण सागर तक सब संघर्ष करके ही अपनी इच्छित मंजिल तक पहुंचे हैं।