Motivational Concept: स्वार्थी नहीं परोपकारी बनें

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 11:16 AM (IST)

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किसी गांव में बरगद का एक पेड़ बहुत वर्षों से खड़ा था। गांव के सभी लोग उसकी छाया में बैठते थे, गांव की महिलाएं त्यौहारों पर उस वृक्ष की पूजा किया करती थीं। ऐसे ही समय बीतता गया और कई वर्षों बाद वृक्ष सूखने लगा। उसकी शाखाएं टूटकर गिरने लगीं और उसकी जड़ें भी अब कमजोर हो चुकी थीं। गांव वालों ने विचार किया कि अब इस पेड़ को काट दिया जाए और इसकी लकडिय़ों से गृहविहीन लोगों के लिए झोंपडिय़ों का निर्माण किया जाए।

गांव वालों को आरी-कुल्हाड़ी लाते देख, बरगद के पास खड़ा एक वृक्ष बोला, ‘‘दादा! आपको इन लोगों की प्रवृत्ति पर जरा भी क्रोध नहीं आता, ये कैसे स्वार्थी लोग हैं, जब इन्हें आपकी आवश्यकता थी तब ये आपकी पूजा किया करते थे लेकिन आज आपको टूटते हुए देखकर काटने चले हैं।

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बूढ़े बरगद ने जवाब दिया, ‘‘नहीं बेटे! मैं तो यह सोचकर बहुत प्रसन्न हूं कि मरने के बाद भी मैं आज किसी के काम आ सकूंगा।’’

शिक्षा- इस कहानी का सार यह है कि परोपकारी व्यक्ति सदा दूसरों के प्रति करुणा का भाव रखते हैं और उनकी खुशी और उनके सुख में अपना सुख समझते हैं।


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Content Writer

Jyoti

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