Motivational Concept: तेनालीराम के कर्ज का बोझ!

punjabkesari.in Friday, Apr 08, 2022 - 11:19 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार तेनालीराम की पत्नी बीमार पड़ गई तो तेनालीराम को उसके इलाज के लिए महाराज से हजार स्वर्ण मुद्राएं उधार लेनी पड़ीं। खैर उचित देखभाल और इलाज से उसकी पत्नी ठीक हो गई।

PunjabKesari,  Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity, Religious theme

एक दिन महाराज ने तेनालीराम से कहा कि तेनालीराम! अब हमारा कर्जा चुकाओ। तेनालीराम कर्ज की वह रकम देना नहीं चाहते थे। अत: हां-हूं और आजकल करके बात को टाल रहे थे। एक  बार महाराज ने उससे बड़ा ही सख्त तगादा कर दिया। महाराज जितना सख्त तगादा करते, तेनालीराम की कर्ज न देने की इच्छा दृढ़ होती जाती।

एक दिन तेनालीराम ने सोचा कि राजा का कर्ज राजा के मुंह से ही माफ करवाऊंगा। दूसरे दिन ही महाराज के पास खबर आई कि तेनालीराम बहुत सख्त बीमार है और अगर अंतिम समय में महाराज उसका चेहरा देखना चाहते हैं तो देख लें। महाराज फौरन उसके घर पहुंचे, देखा कि तेनालीराम बिस्तर पर पड़े  हैं और उनकी पत्नी और मां रो रही हैं। महाराज को देखते ही तेनाली की पत्नी बोली कि महाराज ये बड़े कष्ट में हैं। इनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। मगर कहते हैं कि जब तक मुझ पर राजा का उधार है, तब तक मेरे प्राण आसानी से नहीं निकलेंगे।

PunjabKesari,  Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity, Religious theme

महाराज की आंखें भर आईं। वे बोले, ‘‘तेनालीराम! मैं तुम्हें इस प्रकार कष्ट भोगते नहीं देख सकता, मैंने तुम्हारा कर्ज माफ किया।’’

तेनालीराम बिस्तर से उठ खड़े हुए बोले, ‘‘महाराज-दरअसल मैं तो आपके कर्ज के बोझ से मर रहा था, किन्तु अब जब आपने कर्ज माफ ही कर दिया है तो कैसा मरना?

आप धन्य हैं महाराज, जो आपने मुझे असमय ही मरने से बचा लिया।’’

PunjabKesari,  Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity, Religious theme


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News