Inspirational Story: जब प्रेम और समर्पण के आगे झुक गया न्याय... क्या आप भी ऐसा कर पाएंगे ?

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 07:29 AM (IST)

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Inspirational Story: एक बार राजा भोज ने अपने महल में छप्पन भोग का आयोजन किया। जब राजा भोजन कर रहे थे, तभी अचानक भोजन परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी-सी सब्जी उनके कपड़ों पर गिर गई। इससे वह काफी गुस्से में आ गए। उन्होंने सेवक को प्राणदंड की सजा सुना दी। सेवक काफी घबरा गया। साहस करके उसने राजा भोज से अपनी गलती पर क्षमा याचना की, लेकिन राजा भोज टस से मस नहीं हुए। सेवक अच्छी तरह समझ चुका था कि अब राजा उसे माफ नहीं करेंगे और उसे कोई नहीं बचा सकता।

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कुछ देर बाद अचानक सेवक ने बर्तन में बची सारी सब्जी राजा भोज के कपड़ों पर उड़ेल दी। अब तो राजा भोज के क्रोध की सीमा ही नहीं रही। राजा भोज ने सेवक से पूछा, “तुमने ऐसा करने का दुस्साहस कैसे किया ?” 

सेवक ने उत्तर दिया, “महाराज ! पहले ही आपका गुस्सा देखकर मैंने समझ लिया था कि अब मेरी जान नहीं बचेगी। फिर मेरे ध्यान में एक बात आई, लोग कहेंगे कि राजा भोज ने अपने सेवक की छोटी-सी गलती पर उसे मौत की सजा दे दी। ऐसे में आपकी बदनामी होती। मैंने सोचा कि अगर सारी सब्जी ही उड़ेल दूं तो दुनिया मेरे स्वामी को बदनाम नहीं करेगी और मुझे ही अपराधी समझेगी।”

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सेवक के जवाब से राजा भोज सोच में पड़ गए। उन्होंने विचार किया जो समर्पित भाव से सेवा करता है उससे कभी-कभी गलती भी हो सकती है। फिर चाहे वह सेवक हो, मित्र हो या परिवार का कोई सदस्य। ऐसे समर्पित लोगों की गलतियों पर नाराज न होकर उनके प्रेम और समर्पण भाव का सम्मान करना चाहिए। इसके बाद राजा भोज ने सेवक को दंड देने के बजाय माफ कर दिया।

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Content Editor

Prachi Sharma

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