Bajirao Peshwa Story: पढ़े, इतिहास के सबसे दयालु युद्ध नायक बाजीराव पेशवा की प्रेरणादायक कहानी

punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 08:13 AM (IST)

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Bajirao Peshwa Story: बाजीराव पेशवा की सेना ने निजाम की सेना को चारों ओर से घेर लिया था। इससे उनके रसद और हथियार मिलने के सारे रास्ते बंद हो गए थे और सेना भोजन की कमी से जूझने लगी। संयोगवश उसी समय निजाम के सैनिकों का त्यौहार आ गया। घेरे में पड़े निजाम के शिविर में सैनिकों के भूखो मरने की नौबत आ गई। निजाम की सेना को कहीं से रसद-पानी न मिलते देख निजाम ने पेशवा को पत्र लिखा।

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पत्र में निजाम ने पूछा, ‘क्या हमारे सिपाहियों को त्यौहार में भी भूखा मरना पड़ेगा? आप तो सभी धर्मों को बराबर महत्व देते हैं। हमने सुना है कि पेशवा बहादुर होने के साथ-साथ रहम दिल भी हैं। वे भूखों को खाना खिलाते हैं और अपने भूखे दुश्मनों पर वार नहीं करते।’ पेशवा ने इस पत्र को कई बार पढ़ा। फिर उन्होंने इस पत्र को अष्ट-प्रधानों के सामने रखा। अष्ट-प्रधानों ने भी पत्र पढ़ा। इसके बाद वे बोले, ‘निजाम पर दया करना ठीक नहीं है। चाहे वे भूखे-प्यासे हों या उनका त्यौहार हो। वे हैं तो हमारे दुश्मन ही। दुश्मन को हमें कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए और न ही उस पर दया करनी चाहिए।’

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अष्ट-प्रधानों की बात सुनकर पेशवा बोले, ‘मराठे वीर हैं, पर इसके साथ ही मनुष्य भी हैं। वीरता कहती है कि शत्रु को पराजित करना चाहिए लेकिन  मानवता का तकाजा यह है कि भूखे मनुष्य को भोजन दिया जाए। यदि भोजन और पानी न मिलने से वह पहले ही कमजोर हो जाए, तो उसे पराजित करना कोई बड़ी बात नहीं। वह हमारी सच्ची वीरता नहीं होगी।’ पेशवा की आज्ञा से निजाम के पास रसद और पानी की गाड़ियां भेज दी गईं। पेशवा के इस निर्णय से निजाम के मन में पेशवा के प्रति श्रद्धा बढ़ गई।

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Content Editor

Sarita Thapa

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