औषधि की तलाश में मिला आयुर्वेद के ज्ञाता महर्षि चरक को जीवन का महत्वपूर्ण सबक

punjabkesari.in Sunday, Jun 15, 2025 - 08:43 AM (IST)

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Maharishi Charak story: आयुर्वेद के ज्ञाता महर्षि चरक उन दिनों गुरुकुल में पढ़ते थे। उनके पास वन में जाकर औषधियों की खोजबीन करने का कायर्य था। उनके एक फोड़ा निकल गया। गुरु ने फोड़े को ठीक करने के लिए उन्हें एक विशेष औषधि बताई और साथ में यह भी कहा कि यदि औषिध नहीं मिली तो रोग और भी भयंकर हो सकता है।

PunjabKesari Maharishi Charak story

चरक उस औषधि को खोजने के लिए निकल पड़े। वह वन में दूर-दूर तक गए, उन्होंने सैंकड़ों औषधियों को देखा और उनके प्रभाव का निरीक्षण किया। इस प्रकार उन्हें इस  कार्य में लंबा समय लग गया। पर उन्हें जिस औषधि की आवश्यकता थी, वह नहीं मिली। वह फोड़े की पीड़ा से दुखी थे।

जब वह निराश होकर वापस लौटे तो गुरु जी ने कहा कि औषधि तो आश्रम के पीछे ही है। उसे उखाड़ लाओ, सेवन करो। चरक ने ऐसा ही किया, औषधि के सेवन से वह कुछ ही दिनों में रोग-मुक्त हो गए।

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एक दिन चरक ने गुरु से पूछा, “जब वह औषधि आश्रम के पीछे मौजूद थी, तो आपने मुझे उसकी लम्बी खोजबीन में क्यों लगाया?”

गुरु ने कहा, “शोध की लगन जगाना अधिक महत्वपूर्ण है। उसके कारण असंख्य लोगों का भला होता है। उस प्रयास में तुम्हारी तन्मयता लग सके और वैसे  स्वमत बन सके, इसी कारण तुम्हें उस कठोर प्रयत्न में लगाया था। 

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Content Editor

Sarita Thapa

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