जब नेहरू जी से अपने सवाल का जवाब सुन निरुत्तर हुए चर्चिल

punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2019 - 09:10 AM (IST)

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भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष चल रहा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के भरसक प्रयत्न कर रहे थे। अंग्रेज भारतीयों की सतर्कता भांप कर उनकी रणनीति को तोड़कर उन्हें मानसिक व शारीरिक प्रताड़नाएं देकर कमज़ोर करने में लगे हुए थे परन्तु भारत की आज़ादी के दीवानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा था। इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री चर्चिल हमेशा से ही भारत की स्वतंत्रता के खिलाफ थे इसलिए मौका मिलने पर वह गांधी-नेहरू की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे।
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आखिरकार देश आज़ाद हो गया और पंडित जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। पंडित नेहरू को राजनयिक मामलों को लेकर 1950 में इंगलैंड जाना पड़ा। वहां उनकी मुलाकात वहां के प्रधानमंत्री चर्चिल से हुई। चर्चिल ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से मिलने पर कहा, ‘‘अंग्रेज सरकार ने सदैव आपकी आलोचना की। कई प्रकार से कष्ट दिए। जेल में डाला। ऐसे में भी आप हमसे प्यार करते हैं, घृणा नहीं, क्यों?’’
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चर्चिल का प्रश्न सुनकर पंडित नेहरू बोले, ‘‘हमारे मार्गदर्शक महात्मा गांधी थे। जैसा वह निर्देश देते थे, वैसा ही हम करते थे। उन्हीं के कारण हमने यह लड़ाई जीती। बापू ही थे जिनका कहना था कि निडरता से अहिंसा के पथ पर चलकर मंजिल को पाना कठिन नहीं है। अगर इंसान निडरता से अहिंसा व सत्य के पथ पर चलकर कार्य करे तो मंजिल उसके कदम चूमती है। हम इसलिए आपसे घृणा नहीं करते क्योंकि हम अपने उद्देश्य पर चलते रहे। आखिरकार हमारी जीत हुई जबकि अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। आज हमारा देश स्वतंत्र है और एक स्वतंत्र देश के पहले प्रधानमंत्री की हैसियत से मैं आपसे मिलने आया हूं।’’
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पंडित नेहरू का सटीक जवाब पाकर चर्चिल निरुत्तर हो गए।
 


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Jyoti

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