Mauni Amavasya 2019: ग्रहों के विशेष संयोग ने बढ़ाया स्नान का महत्व

punjabkesari.in Monday, Feb 04, 2019 - 12:02 PM (IST)

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PunjabKesari Mauni Amavasya 2019आज 4 फरवरी, सोमवार के दिन प्रयागराज में अद्र्धकुंभ, माघ अमावस अर्थात मौनी अमावस, सोमवती अमावस तथा महोदय योग बन रहा है। इस दिन ग्रहों की चाल कुछ इस तरह रहेगी चंद्रमा मकर राशि में सूर्य, बुध, केतु के साथ हैं और बृहस्पति वृश्चिक राशि में हैं। मौनी अमावस्या के पर्व पर मकर राशि में चार ग्रहों की युति विशेष फलदायी है। मौनी अमावस्या का अमृतमय स्नान मकर राशि में सूर्य, चन्द्र, बुध, केतु, इन चारों ग्रहों के सान्निध्य में होगा। शनि, शुक्र धनु राशि में, गुरु वृश्चिक राशि में, राहु कर्क राशि में एवं मंगल मीन राशि में स्थित होकर तीर्थराज प्रयाग में इस पर्व पर आकाशीय अमृत वर्षा करेंगे। सुबह 7 बज कर 57 मिनट से पूरे दिन सूर्यास्त तक महोदय योग रहेगा। इस अवधि में स्नान-दान करना अति शुभ फल प्रदान करेगा। इस दिन कुंभ में तीसरे शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। 

PunjabKesari Mauni Amavasya 2019मौनी अमावस्या को माघी अमवास्या भी कहते हैं। अमावस्या तिथि का आरंभ 3 फरवरी को 23:52 से होगा और समाप्त 5 फरवरी को 2:33 पर होगा। मौनी अमावस्या पर स्नान करने के बाद अन्न, वस्त्र, धन, गौ और भूमि का दान किया जाता है। इस दिन किया गया दान सतयुग में किए गए तप के बराबर फल देता है। पितरों का तर्पण करने से उन्‍हें शांति मिलती है। कहते हैं मौनी आमवस्‍या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।

PunjabKesari Mauni Amavasya 2019सोमवती अमावस्या होने के कारण कोई भी अपना बिगड़ा भाग्य भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान विष्णु-तुलसी देवी आदि की पूजा करके सुधार सकता है। ब्रह्मचार्य का पालन कर शिव जी को प्रिय रुद्राभिषेक करना चाहिए, विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। शनि की प्रसन्नता के लिए पिप्पलाद कथा आदि का श्रवण करना चाहिए। संभव हो तो प्रयागराज में षोडशोपचार पूजन करके त्रिवेणी में स्नान करते हुए यह मंत्र पढ़ें ‘ओम त्रिवेणी पापजातं मे हर मुक्तिप्रदा भव।’ 

PunjabKesari Mauni Amavasya 2019स्नान के बाद संभव हो तो ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप त्रिवेणी घाट पर करना चाहिए। गोदावरी आदि पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करना चाहिए। न कर सकें तो गंगा जल मिला कर घर में ही स्नान करें। शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि मौनी अमावस्या के व्रत से व्यक्ति के पुत्री-दामाद की आयु बढ़ती है और पुत्री को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सौ अश्वमेघ एवं हजार राजसूय यज्ञ का फल मौनी अमावस्या में त्रिवेणी संगम स्नान से मिलता है। 

PunjabKesari Mauni Amavasya 2019कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !


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Niyati Bhandari

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