बहुत खास है 18 दिसंबर की मार्गशीर्ष पूर्णिमा, इस विधि से करें स्नान

punjabkesari.in Friday, Dec 17, 2021 - 08:26 AM (IST)

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Margashirsha purnima december 2021: हमारे शास्त्रों और हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन चन्द्रमा की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। अगर कुंडली में कोई चंद्र दोष हो तो भी इस दिन विधिवत पूजा करके इस दोष को कम किया जा सकता है। महीने में एक बार अमावस्या तो एक बार पूर्णिमा तिथि आती है और इस तरह पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिनका अलग ही महत्व होता है। इन सभी पूर्णिमा तिथियों में मार्गशीर्ष मास का बहुत अधिक महत्व है। यह पूरा महीना भगवान श्री कृष्ण की पूजा को खासतौर पर समर्पित होता है।

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गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष माह को स्वयं का महीना बताया है।  इस पूरे माह भगवान श्री कृष्ण की पूजा अराधना की जाती है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष माह के दिन सत्यनारायण कथा का श्रवण करने से जीवन में संकट दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा को शास्त्रों में मोक्षदायिनी भी बोला गया है। इस दिन दान, ध्यान और स्नान की खास अहमियत होती है तथा इसका 32 गुना फल मनुष्य को मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन प्रभु श्री विष्णु तथा माता लक्ष्मी की सच्चे दिल से पूजा करने मात्र से ही मोक्ष के लिए मार्ग खुल जाता है। इतना ही नहीं, इस दिन चंद्रमा की भी अराधना की जाती है। पूर्णिमा की रात चंद्रमा भी अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन उपवास रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति में सुधार होता है तथा मानसिक तनाव एवं उथल-पुथल की स्थिति से छुटकारा प्राप्त होता है।

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Margashirsha purnima muhurat: मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि को पुराणों में भी बहुत खास माना गया है। इस बार शनिवार 18 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है और यह पूर्णिमा बहुत ही शुभ संयोग में है इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 18 दिसंबर, शनिवार को प्रात: 07 बजकर 24 मिनट से होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन 19 दिसंबर, रविवार को सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर को ही मनाई जाएगी। इस साल की मार्गशीर्ष पूर्णिमा बहुत शुभ योग में है। 18 दिसंबर को साध्य योग सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा। फिर ये शुभ योग पूर्णिमा तिथि तक बना रहेगा। मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर के दिन चंद्रमा शाम 04 बजकर 46 मिनट पर उदय होगा।

Margashirsha purnima puja vidhi मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजन विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन प्रातः उठकर प्रभु श्री विष्णु का मन ही मन में ध्यान करें तथा व्रत का संकल्प लें। नहाते वक़्त जल में थोड़ा गंगाजल तथा तुलसी के पत्ते डालें। फिर जल को मस्तक पर लगाकर ईश्वर को याद कर प्रणाम करें।

साफ़ वस्त्र धारण करें।

इन दिन भगवान विष्णु जी की पूजा माता लक्ष्मी जी के साथ करें।

विष्णु जी को पीले फूल अर्पित करें और पीले वस्त्र धारण करके पूजन करें।

परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर सत्यनारायण की कथा का पाठ करें।

दही का पंचामृत तैयार करें और पंजीरी का भोग लगाएं।

प्रसाद सभी लोगों में वितरित करके स्वयं भी ग्रहण करें।

इस प्रकार पूर्णिमा में पूजन और चंद्र दर्शन विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं और इसका बहुत अधिक महत्त्व है। उपरोक्त तरीके से पूजन करें आपके लिए निश्चित ही फलदायी होगा।

 गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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Content Writer

Niyati Bhandari

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