Mahatma Gandhi Story: महात्मा गांधी से सीखें, किस तरह की जाती है प्रकृति की रक्षा

punjabkesari.in Monday, Feb 26, 2024 - 11:53 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mahatma Gandhi Story: एक बार गांधी जी ने किसी व्यक्ति को बुलाया और कहा-मुझे नीम की कुछ पत्तियों की जरूरत है। तुम बाहर लगे पेड़ से कुछ पत्तियां मुझे ला दो। वह युवक नीम की पत्तियां लाने के लिए चला गया। मन ही मन वह बहुत खुश था कि बापू ने खुद उसे कोई काम सौंपा था। वह जल्दी ही गया और कुछ देर में हाथ में नीम की टहनी लेकर आ गया। 

PunjabKesari  Mahatma Gandhi Story

उसने गांधी जी को नीम की टहनी देते हुए कहा,  “मैं आपके कहे मुताबिक नीम ले आया हूं। आप जितनी चाहें पत्तियों का इस्तेमाल इसमें से कर सकते हैं।” 

युवक के हाथ में नीम की पत्तियों से लदी उस टहनी को देखकर गांधी जी परेशान हो गए। 

उन्होंने युवक से कहा, “अब मैं इसका इस्तेमाल नहीं कर पाऊंगा।” टहनी लेकर आने वाले युवक को गांधी जी की बात समझ नहीं आई।

PunjabKesari  Mahatma Gandhi Story

उसने गांधी जी से उनके दुखी होने की वजह पूछी तब वह बोले, “मैंने तुमसे तीन-चार पत्तियां मंगवाई थीं। तुम पूरी टहनी ले आए हो। मैं इसमें से कुछ पत्तियां ले लूंगा लेकिन बाकी पत्तियां व्यर्थ जाएंगी।” 

युवक बोला, “मैं तो इसलिए ज्यादा ले आया कि आपको जितनी चाहिएं आप उतनी पत्तियां ले सकें। बाकी फैंक दी जाएंगी, इसमें है क्या ?”

तब गांधी जी ने कहा, “बेटा यह संसाधनों की बर्बादी होगी। मुझे तुम्हारा यह काम अच्छा नहीं लगा। संसाधनों का सदुपयोग करना हम सबको सीखना होगा क्योंकि ये हमारी नहीं प्रकृति की देन हैं। युवक को बात समझ आ गई और वह अपने किए पर खुद को लज्जित महसूस करने लगा।

PunjabKesari  Mahatma Gandhi Story


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Recommended News

Related News