Story of shani dev: पत्नी के श्राप से हो गई शनि की नीची निगाहें, पढ़े कथा

punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 07:09 AM (IST)

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Story of shani dev: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनि देव बहुत ही क्रूर ग्रह देवता माने गए हैं। हर कोई इनकी नज़र से बचना चाहता है क्योंकि इनकी दृष्टि को भी विनाशकारी कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में शनि देव का उल्लेख दंडाधिकारी के रूप में मिलता है अर्थात जो कोई भी अन्याय या किसी भी प्रकार का गलत काम करता है, शनि देव उसे सज़ा ज़रूर देते हैं।

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ब्रह्म पुराण की एक कथा के अनुसार बचपन से ही शनि देवता भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त थे। वह श्री कृष्ण के प्रेम में सदा डूबे रहते थे। वयस्क होने पर इनके पिता सूर्य देव ने गंधर्वराज चित्ररथ की कन्या से इनका विवाह कर दिया। इनकी पत्नी सती-साध्वी और परम तेजस्विनी थी। एक रात वह ऋतु स्नान करके पुत्र प्राप्ति की इच्छा से इनके पास पहुंची पर यह श्री कृष्ण ध्यान में मग्न थे। इन्हें संसार की कोई सुधि ही नहीं थी। पत्नी शनि देव का इंतजार करते-करते थक गई। उनका ऋतु काल निष्फल हो गया इसलिए उसने क्रोधित होकर शनिदेव को श्राप दे दिया कि आज से जिस पर भी तुम्हारी दृष्टि पड़ जाएगी, वह नष्ट हो जाएगा।

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ध्यान टूटने पर शनिदेव ने अपनी पत्नी को मनाया। पत्नी को भी अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ किन्तु श्राप को तोड़ने की शक्ति उसमें न थी, तभी से शनि देवता अपना सिर नीचा करके रहने लगे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इनके द्वारा किसी का अनिष्ट हो।

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शनि देव की 8 पत्नियां मानी गई हैं- ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कंटकी, तुरंगी, महिषी, अजा। उनके नामों का जाप करने से शनि बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। तो ये नाम जाप वैसे तो प्रतिदिन करना चाहिए। संभव न हो तो शनिवार और शनि जयंती के दिन जरूर करें। इस तरह करें उनके नामों का जाप-

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Shani Patni Naam Stuti : शनि पत्नी नाम स्तुति
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन‍् पुमान्।
दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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