Smile please: बड़ों का सम्मान ही असली धन है, सीखें जीवन की सच्ची शिक्षा
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 11:25 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile please: बड़ों की इज्जत करना सीखो, उनसे आशीर्वाद मिलेगा। घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। खर्चा सोच-समझ कर करोगे तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। यहां किसी को खिलाओगे तो ही ऊपर जाकर खाने की थाली परोसी हुई मिलेगी। गीता ग्रंथ हमें यही संदेश देता है कि किया हुआ कर्म ही मनुष्य के साथ जाता है। —दर्शना भल्ला
दूसरों का भला सोचने लग जाओगे तो तुम्हारा भला अपने आप हो जाएगा। माता-पिता की सेवा सच्चे मन से करो, इन्होंने हमें उंगली पकड़कर चलना सिखाया है। एक पिता ही दुनिया भर में ऐसा है जो अपने बच्चे को अपने से भी ऊंचाइयों पर देखना चाहता है। जिस मां का दूध पीकर बड़े हुए हो, कभी उसके मुंह में भी अंगूर का दाना डालो मां खुश हो जाएगी। —एस.एस. खुराना
लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। गेंद जहां लगी वहां पर दादी बैठी थी। साथ में दादी की मिट्टी की थाली पड़ी थी जो गेंद लगने से टूट गई। दादी ने पोते को कहा अब मैं रोटी किसमें खाऊंगी। पोते ने कहा दादी आज से आप मिट्टी की थाली में खाना नहीं खाएंगी, बढिय़ा थाली में खाना खाएंगी। पोते ने टूटी थाली के टुकड़े थैली में डालकर अलमारी में रख दी। मम्मी ने पार्टी में जेवर पहनकर जाना था। उसने कहा यह थैली यहां किस ने रखी है, लड़के ने कहा यह मैंने आपके बुढ़ापे के लिए संभाल रखी है। —राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ
कद्र और वक्त भी कमाल के होते हैं, जिसकी कद्र करो, वह वक्त नहीं देता, जिसको वक्त दो वह कद्र नहीं करता। यह जिंदगी भी रेलवे स्टेशन जैसी है, भीड़ तो बहुत है, पर इसमें अपना कोई नहीं है। —जया किशोरी