Mahakumbh 2025 Snan Ghat: प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान इन घाटों में लगा रहता है श्रद्धालुओं का तांता, जान लें इनका महत्व
punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2025 - 01:42 PM (IST)
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Mahakumbh 2025 Snan Ghat: बहुत जल्द ही प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया जाने वाला महाकुंभ मेला 45 दिन तक चलेगा। इसका अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी को किया जाने वाला है। माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान नदियों का पानी अमृत में बदल जाता है। इसके साथ ही महाकुंभ मेले का समापन हो जाएगा। पवित्र संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस पावन पर्व का लुफ्त उठाने के लिए लोग दूर-दूर से पवित्र नदियों में स्नान के लिए आते हैं। आइए जानते हैं प्रयागराज के पांच प्रमुख घाटों के बारे में जहां पर शाही स्नान होगा।
लक्ष्मी घाट
इस घाट में खास करके मां लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस घाट को धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी बहुत खास माना जाता है। महाकुंभ के दौरान इस घाट पर लोग पूजा करते हुए नजर आते हैं।
अरैल घाट
इस घाट पर श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम देखने को मिलती है। इस घाट को योग-ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत खास माना जाता है। इस घाट पर वही लोग आते हैं, जो आध्यात्म की राह पर अग्रसर हैं। इस घट पर पूजा-पाठ और स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शांति पसंद लोगों के लिए यह घाट बहुत अच्छा है।
दशाश्वमेध घाट
यह भी प्रयागराज के प्रमुख घाटों में से एक है। इस घाट का नाम अश्वमेध यज्ञ से भी जुड़ा माना जाता है। जिसे राजा भगीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए किया था। घाट पर लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए जरूर आते हैं।
राम घाट
यह घाट संगम घाट से बहुत नजदीक है। साथ ही यह घाट बेहद ऐतिहासिक भी है। इस घाट पर होने वाली आरती लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु इस घाट पर आस्था की डुबकी लगाने जरूर आते हैं।
संगम घाट
इस घाट को प्रयागराज के सभी घाटों में से पवित्र माना जाता है। संगम का मतलब, यमुना और सरस्वती आपस में मिलती है। माना जाता है कि इस घाट में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि इस घाट में डुबकी लगने से मानसिक रूप से अलौकिक अनुभवों की प्राप्ति होती है।