Kundli Tv- श्रावण मासः भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

punjabkesari.in Monday, Jul 30, 2018 - 11:14 AM (IST)

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उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में आध्यामिक महत्व के श्रावण मास में भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए आने वाले देश व विदेशी श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किये है। इस प्राचीन नगरी में विराजमान महाकालेश्वर मंदिर में हर वर्ष व्यापक स्तर पर महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। देश में एकमात्र ऐसा शिवालय है जहां प्रतिदिन तडके भस्मार्ती होती है। आजादी के पूर्व से मराठा पांचांग के अनुसार यहां श्रावण महोत्सव डेढ माह तक मनाया जाता है। मराठा पांचांग में तिथि की गणना अमावस्या से अमावस्या तक की जाती है, जबकि अन्य पांचांग में पूर्णिमा से पूर्णिमा तक तिथियो की गणना की जाता है। उसी के अनुसार भगवान की प्रत्येक सोमवार निकलने वाली सवारी भी आधे भादौ माह तक निकलती है।   

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आज पहला श्रावण सोमवार है। मंदिर प्रशासन ने काफी अच्छी तरह से मंदिर की सजावट की है। श्रद्धालुओं को मंदिर में भगवान महाकाल का दर्शन अच्छी तरह से मिल सके इसके लिए कई स्तर से तैयारियां की जा चुकी है। सुरक्षा की ²ष्टि से जगह-जगह पुलिस बल का पहरा बना रहेगा।  शनिवार से शुरु हुए श्रावण माह के दौरान आज तक लाखों दर्शनार्थियो ने भगवान महाकाल के दर्शन कियें। शनिवार, रविवार एवं सोमवार को दर्शनार्थियों की अत्यधिक संया रहती है। यहां कोलकाता सहित देश के विभिन्न स्थानों से कावडियें विभिन्न नदियों का जल लाकर भगवान का अभिषेक करने आते है। प्रशासन ने इसबार भी कावडियों के जलाभिषेक के लिये विशेष व्यवस्था की है।  

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श्रावण का आज पहला सोमवार है। कल भगवान की पहली सवारी निकलेगी। इस प्रकार कुल छह सवारियां निकलेगी। इस माह में दर्शनार्थियों की भारी संया को देखते हुए मजिस्ट्रेटो को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। श्रावण महोत्सव के दौरान शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा होगी। कल सोमवार को पहली सवारी में पालकी में भगवान महाकाल भगवान मनमहेश के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे। नगर भ्रमण से पहले भगवान मनमहेश की मन्दिर के सभा मण्डप में विधिवत पूजन-अर्चन की जायेगी। भगवान के रामघाट शिप्रा तट पर पहुंचने पर उनकी शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन की जायेगी और इसके पश्चात यह सवारी पुन: परपरागत मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंचेगी।  

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भगवान मनमहेश की यह सवारी सायं 04 बजे निकलेगी। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी जायेगी। इसके बाद यह सवारी श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी,रामघाट पहुंचेगी। जहां पूजन होने के बाद प्रमुख मार्गो से होते हुए महाकालेश्वर आवेगी। दूसरी सवारी 06 अगस्त को निकलेगी। जिसमें पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 13 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे।  

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इसी प्रकार चौथी सवारी 20 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 27 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।  अन्तिम शाही सवारी 03 सितंबर को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।
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Jyoti

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