सिंह राशि वाले जातकों का भाग्य उदय करेगा गुरु का गोचर
punjabkesari.in Sunday, Nov 03, 2019 - 10:42 AM (IST)

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जालन्धर (नरेश): ज्योतिष में धन, संतान और विद्या के कारक ग्रह गुरु के 5 नवम्बर को धनु राशि में होने वाले गोचर की इस विशेष शृंखला में आज हम बृहस्पति के गोचर के सिंह राशि के जातकों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात करेंगे। सिंह राशि के लिए गुरु 5वें भाव में गोचर करेंगे और अगले साल 20 नवम्बर को गुरु पुन: राशि परिवर्तन करेंगे। 5वें भाव से गुरु का गोचर शुभ समझा जाता है। लिहाजा सिंह राशि के जातकों को इसका काफी फायदा होगा।
मूल त्रिकोण राशि में शुभ फल देंगे गुरु
धनु राशि गुरु की मूल त्रिकोण राशि है और इस राशि में गुरु का गोचर निश्चित तौर पर सिंह राशि के जातकों के लिए फायदेमंद होगा लेकिन गुरु के गोचर का यह लाभ जातकों की कुंडली में गुरु की स्थिति पर भी निर्भर करेगा। यदि कुंडली में गुरु की स्थिति अच्छी है तो गुरु उन स्थानों का बेहतर फल देंगे जिन स्थानों का स्वामित्व गुरु के पास है लेकिन यदि गुरु की स्थिति कुंडली में अच्छी नहीं है तो इसके बावजूद गुरु के शुभ गोचर का फल तो मिलेगा लेकिन अपने स्वामित्व से संबंधित घरों का पूरा फल ऐसे जातकों को नहीं मिल पाएगा।
सिंह राशि का भाग्य उदय होगा
सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का 5वें भाव से गोचर भाग्य उदय करने वाला होगा। ज्योतिष में इस भाव से न सिर्फ उच्च विद्या देखी जाती है बल्कि प्रेम संबंध, संतान, बुद्धिमता और निवेश के मामले भी 5वें भाव से ही देखे जाते हैं। यहां विराजमान गुरु की दृष्टि लग्र पर पड़ेगी और लग्र पर गुरु की दृष्टि से सिंह राशि के जातकों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। यदि सिंह राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या आ रही है तो वह दूर हो सकती है। संतान के इच्छुक जोड़ों के लिए 5वें भाव से गुरु का गोचर शुभ है। लिहाजा जो विवाहित जोड़े संतान की योजना बना रहे थे उनके लिए समय शुभ है। गुरु का गोचर उन्हें संतान सुख दे सकता है। इसके अलावा इस भाव में स्थित गुरु 7वीं दृष्टि से आय भाव को देखेंगे। 11वें भाव पर गुरु की दृष्टि से सिंह राशि के जातकों की आय बढ़ेगी। नौकरी-पेशा लोगों की प्रमोशन संभव है और कारोबारी लोगों को अपने बिजनैस में फायदा होगा। इस भाव से बड़े भाई को भी देखा जाता है। लिहाजा गुरु की दृष्टि से बड़े भाई को स्वास्थ्य लाभ होगा और यदि भाई के साथ संबंध खराब चल रहे हैं तो वे भी सुधर सकते हैं। इसके अलावा गुरु यहां से 9वें भाव को देखेंगे। भाग्य स्थान पर गुरुकी दृष्टि भाग्य खोलने वाली होगी। इस स्थान पर गुरु की अपनी ही राशि मीन विराजमान है। लिहाजा गुरु अपनी राशि का फल भी देंगे और धार्मिक यात्राओं के योग बन सकते हैं। यह भाव कर्म स्थान का 12वां भाव है लिहाजा विदेश से कमाई के योग भी बनेंगे।