Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से कर्क राशि वालों को रहना होगा सावधान
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 01:01 PM (IST)
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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे, इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से गोचर करेंगे। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे, 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14, 15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं। भाग्य स्थान में गुरु की मीन राशि आ जाती है। लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का ही ऐसे भाव में जाना अच्छा भाव नहीं है। 12वां भाव है, यहां पर यह हानि करवा सकता है। लेकिन चकि गुरु यहां पर बारहवें में बैठेंगे, छठे को देखेंगे, फोर्थ को देखेंगे और अष्टम को देखेंगे। अष्टम के ऊपर जाएगी नाइंथ दृष्टि। छठे के ऊपर जाएगी उनकी सीधी सप्तम दृष्टि और फोर्थ हाउस के ऊपर जाएगी पांचवी दृष्टि। फोर्थ हाउस मदर का भाव होता है। मदर की हेल्प से यदि कोई समस्या है कर्क राशि के जातकों को तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। प्रॉपर्टी कोई बनाने का प्लान है तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। कर्ज वाली कोई स्थिति है तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। कोई लिटिगेशन चल रहा है वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। रिसर्च का काम हो सकता है लेकिन 12वें में गुरु का जाना अच्छा नहीं है। 12वां खर्चे का भाव है, 12वां मोक्ष, हॉस्पिटल का भाव है। तो आपको थोड़ा सा ज़रूर ध्यान रखना पड़ेगा। कुछ जगह पर हो सकता है कि भाग्य आपका उस तरीके से साथ न दे जिस तरीके से आप एक्सपेक्ट करते हैं भाग्य से क्योंकि भाग्य स्थान का स्वामी चला जाएगा 12वें भाव में।
गुरु कर्क राशि के जातकों के लिए छठे का भी स्वामी होता है। हालांकि छठे को प्रोटेक्ट करेंगे गुरु लेकिन इसके बावजूद प्रॉब्लम आ सकती है इसलिए लिटिगेशन में जाने से बचिएगा। किसी की गारंटी मत लीजिएगा। यह गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए बाहर जाना अच्छा नहीं है। गुरु राहु केतु एक्सिस में है, शनि मंगल के साथ है। गुरु सूर्य का साथ आकर अस्त बैठे हैं तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए। गुरु की रेमेडी के तौर पर ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः का जाप करें।
उपाय- गुरु ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में।
गुरु को मजबूत करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें।
गुरु का सबसे बेहतर उपाय है फल का पेड़ लगाना।
पेड़ होता बुध से आता है और गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा, गुरु आपको अलग से फल देंगे।
आप मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। आप पीली दाल या पीले प्रसाद का भी दान कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा डिस्टर्ब कर रहे हैं ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनें।
गुरु को सही करने के लिए पुखराज पहनें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आठवें बारहवें भाव में न हो।
यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।
नरेश कुमार
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