Famous Place of India: भारत का चमत्कार कहलाती थीं कोस मीनार

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 02:48 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक कहावत काफी मशहूर है कि कोस-कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर बानी। लेकिन क्या कभी आपने इस कोस का मतलब समझने की कोशिश की है। नहीं, तो हम बताते हैं कि कोस दूरी को मापने की एक इकाई होती थी, जिससे यात्रियों को पता चलता था कि वो कितनी दूरी पर या किस इलाके में मौजूद हैं। यात्रियों की सहूलियत के लिए एक तय दूरी पर कोस मीनार बनाई जाती थी। लेकिन जब दूरी मापने का तरीका बदला तो लोग इस कोस मीनार को भी भूल गए। वक्त के थपेड़ों के चलते कई जगहों पर कोस मीनार गायब हो गई या टूट गई तो कई राज्यों में लोगों ने कोस मीनार पर अवैध कब्जा कर लिया। लेकिन दिल्ली की एकमात्र कोस मीनार को अब साउथ दिल्ली नगर निगम ने संरक्षित करने का फैसला लेते हुए, हाल ही में जारी अपनी संरक्षित इमारतों की सूची में जारी किया है। परंतु आपको ये मालूम है कि ये कोस मीनार कहा स्थित है और इसे किसने बनाया है। तो आइए हम बताते हैं इससे जुड़ा इतिहास।
PunjabKesari
वर्तमान में दिल्ली की एकमात्र बनी कोस मीनार चिड़िया घर के बीचों-बीच स्थित है। जोकि शेरशाह सूरी की राजधानी पुराना किला के करीब ग्रैंड ट्रांक रोड पर स्थित है। गोल आकार में बनी इस कोस मीनार की ऊंचाई करीब 30 फीट है और इसे लाल ईंटों व चूना पत्थरों से बनाया गया है। ये यात्रियों को रास्ता दिखाया करती थी। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि दिल्ली का चिड़िाया घर धूमने आने वाले पर्यटकों को भी इतिहास में प्रमुख स्थान रखने वाली कोस मीनार की अधिक जानकारी नहीं है। कभी शेरशाह सूरी के शासनकाल में इन्हीं कोस मीनारों को देखकर सैनिकों को राजधानी व जहां भी उन्हें भेजा जाता था उस स्थान का वो पता लगा पाते थे। सही मायने में यह मुगलों द्वारा प्रयोग में लाया जाने वाला मुख्य मार्ग था, जिससे वो दिल्ली से लाहौर तक आया-जाया करते थे।

जानें भारत में कितनी बची हैं कोस मीनार:
बता दें कि वर्तमान में एएसआई की कुछ वर्षों पहले जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में करीब 110 कोस मीनारें बची हैं। जिसमें सर्वाधिक मीनारें हरियाणा में हैं जिनकी संख्या 49 है। इसके अलावा लुधियाना में 5, मथुरा में 9 व दिल्ली में 1 है।
PunjabKesari

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari

भारत का चमत्कार कहलाती थीं कोस मीनार
शेरशाह सूरी या उसके बाद आने वाले कई यूरोपीय यात्रियों ने अपने संस्मरण में कोस मीनार का जिक्र किया है। सर थॉमस रो जोकि एक यूरोपीय यात्री थे उन्होंने कोस मीनारों को भारत का चमत्कार बताया है। जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इसे भारत की राष्ट्रीय संचार प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग बताता है।

जानें एक कोस मीनार से दूसरे मीनार की दूरी 
संस्कृत में कोस की दूरी का अर्थ एक योजन का एक चौथाई कहा गया है जो दूरी को मापने की एक प्राचीन भारत की इकाई है। जोकि करीब 2 मील या 3.22 किलोमीटर दूरी होती है। यानि एक कोस मीनार से दूसरी कोस मीनार की दूरी 3.22 किलोमीटर की थी।
PunjabKesari
शेरशाह सूरी ने करवाया था निर्माण
बता दें कि शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल (1540-45) में जब ग्रैंड ट्रांक रोड का निर्माण करवाया तो यात्रियों को सड़क की दूरी व किस जगह वो खड़े हैं इसकी जानकारी देने के लिए दिल्ली, करनाल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, लुधियाना, अंबाला, पेशावर, अमृतसर व दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर कोस मीनार का निर्माण करवाया था। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News