Inspirational story: क्या सच में हर एक दोस्त जरुरी होता है

punjabkesari.in Wednesday, Feb 17, 2021 - 01:27 PM (IST)

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ज्ञान की खोज में एक बार तीन साधु हिमालय पर जा पहुंचे। वहां पहुंचकर तीनों साधुओं को बहुत भूख लगी। देखा तो उनके पास तो मात्र दो ही रोटियां थीं। उन तीनों ने तय किया कि वे भूखे ही सो जाएंगे। ईश्वर जिसके सपने में आकर रोटी खाने का संकेत देंगे, वह ही ये रोटियां खाएगा। ऐसा कहकर तीनों साधु सो गए।

आधी रात को तीनों साधु उठे और एक-दूसरे को अपना-अपना सपना सुनाने लगे। पहले साधु ने कहा-मैं सपने में एक अनजानी जगह पहुंचा, वहां बहुत शांति थी, वहां मुझे ईश्वर मिले और उन्होंने मुझसे कहा कि तुमने जीवन में सदा त्याग ही किया है इसलिए ये रोटियां तुम्हें ही खानी चाहिए।

दूसरे साधु ने कहा-मैंने सपने में देखा कि भूतकाल में तपस्या करने के कारण मैं महात्मा बन गया हूं और मेरी मुलाकात ईश्वर से होती है। वे मुझे कहते हैं कि लंबे समय तक कठोर तप करने के कारण रोटियों पर सबसे पहला हक तुम्हारा है, तुम्हारे मित्रों का नहीं।

अब तीसरे साधु की बारी थी, उसने कहा-मैंने सपने में कुछ नहीं देखा क्योंकि मैंने वे रोटियां खा ली हैं। यह सुनकर दोनों साधु क्रोधित हो गए।

उन्होंने तीसरे साधु से पूछा-यह निर्णय लेने से पहले तुमने हमें क्यों नहीं उठाया? तब तीसरे साधु ने कहा कैसे उठाता? तुम दोनों तो ईश्वर से बातें कर रहे थे लेकिन ईश्वर ने मुझे उठाया और भूख से मरने से बचा लिया।

बिल्कुल सही कहा गया है कि जीवन-मरण का प्रश्र हो तो कोई किसी का मित्र नहीं होता, व्यक्ति वही काम करता है जिससे उसका जीवन बच सके।
 


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Content Writer

Jyoti

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