Inspirational Story: जीवन की दिशा और दशा तय करता है हमारा चरित्र
punjabkesari.in Saturday, Aug 09, 2025 - 11:20 AM (IST)

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Inspirational Story: मन के रोग असंख्य होने पर भी कुछ मुख्य और भयंकर रोग मन को परेशान करते हैं। काम-वासना मन का जघन्य रोग है। कामी व्यक्ति को कभी शांति नसीब नहीं होती। काम के विकार से मन चंचल हो जाता है और बुद्धि मलिन हो जाती है। कामी को उचित-अनुचित का कुछ भी ध्यान नहीं रहता। वह काम के अनियंत्रित वेग से आकुल-व्याकुल बना रहता है और अनेकानेक अनर्थ करता है और दिन-रात भोग-विलास के साधनों का ही चिंतन करता रहता है। शांति-समाधि, ध्यान-योग आदि शुभ भाव उसके हृदय में नहीं टिक पाते।
दुर्बल चरित्र का व्यक्ति सरकंडे के पौधे की तरह हवा के हर झोंके से झुक जाता है। कमजोर बुनियाद वाले चरित्र का व्यक्ति अपने जीवन को ऊंचा नहीं उठा पाता और उसका जीवन व्यर्थ चला जाता है। वह जीवित होते हुए भी मृतक के समान ही होता है। जिस प्रकार तेल के बिना दीपक का, जल के बिना तालाब का, प्रकाश के बिना सूर्य का और सुगंध के बिना पुष्प का कोई महत्व नहीं होता, उसी प्रकार चरित्र से रहित बदचलन व्यक्ति का कोई मूल्य अथवा महत्व नहीं होता।
उत्तम चरित्र एक दिव्य और महानतम शक्ति होती है। चरित्र में विश्व के सभी शुभ गुण समा जाते हैं। हिंसा, दया, सत्य, निष्कपटता, सदाचार, निर्भयता, संतोष, दान तथा तप आदि समस्त उत्तम कार्य चरित्र का निर्माण करते हैं। अपने चरित्र को उन्नत बना जीवन का निर्माण करने वाला व्यक्ति जीवन को सफल बना पाता है।
सच्चरित्र व्यक्ति का आयुष्य कर्म पूरा होने पर शरीर छूट जाता है परंतु उसके चरित्र की सुगंध कभी समाप्त नहीं होती। उसका सदाचार सदा के लिए सभी को प्रेरणा देता रहता है। सच्चरित्र सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। सभी उसके पास बैठने, वार्तालाप करने और उससे नजदीकियां बढ़ाने के इच्छुक रहते हैं।दुराचारी का कोई सम्मान नहीं करता। सभी उसे संशय की दृष्टि से देखते हैं। वासनाओं का दास मोह तथा माया का शिकार बन जाता है।