Neem Karoli Baba Quotes: नीम करौली बाबा के 6 चमत्कारी विचार जो आपका जीवन बदल देंगे
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 11:32 AM (IST)
Neem Karoli Baba Quotes: आध्यात्मिक जगत में अपने सरल स्वभाव, निस्वार्थ प्रेम और चमत्कारी व्यक्तित्व के लिए पूज्य नीम करौली बाबा ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ है। हालांकि उन्होंने औपचारिक रूप से कोई ग्रंथ नहीं लिखा, उनके मुख से निकले सहज और सीधे-सपाट शब्द आज भी उनके अनुयायियों के लिए ज्ञान और शांति का भंडार हैं। उनके ये विचार इतने शक्तिशाली हैं कि वे किसी भी व्यक्ति के जीवन के दृष्टिकोण को बदलकर, उसे सही राह दिखा सकते हैं। तो आइए जानते हैं उनके उन 6 चमत्कारी विचारों पर के बारे में, जो आपके जीवन को एक नई, सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।

सत्य सबसे बड़ा धर्म है
बाबा जी हमेशा सत्य बोलने और ईमानदार रहने पर ज़ोर देते थे। उनके अनुसार, सत्य बोलना ही सबसे बड़ी तपस्या और धर्म है। यदि आप सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं, तो आपको किसी और की ज़रूरत या डर नहीं होगा। जीवन में सभी समस्याओं का समाधान सत्य में ही निहित है।
प्रेम ही ईश्वर है
नीम करौली बाबा की शिक्षाओं का केंद्र बिंदु निस्वार्थ प्रेम था। वे कहते थे कि यदि आप प्रेम करते हैं, तो आप ईश्वर से जुड़ते हैं। प्रत्येक प्राणी में ईश्वर को देखें। बिना किसी अपेक्षा के दूसरों की सेवा करें और उनसे प्रेम करें। सेवा और प्रेम से ही हृदय शुद्ध होता है और आप आध्यात्मिकता के उच्चतम शिखर पर पहुंचते हैं।

सब ठीक है
यह बाबा जी का सबसे प्रसिद्ध वाक्यांश है। इसका अर्थ है कि जीवन में जो कुछ भी हो रहा है, वह अंततः आपके भले के लिए ही हो रहा है। चाहे जीवन में सुख हो या दुख, सफलता हो या असफलता, शांत रहें और स्वीकार करें। यह स्वीकारोक्ति आपको चिंता और भय से मुक्त करती है, जिससे आप वर्तमान क्षण में शांति पा सकते हैं।
दूसरों की सेवा ही असली पूजा है
बाबा जी आडंबरपूर्ण पूजा-पाठ से अधिक मानव सेवा को महत्व देते थे। यदि आप किसी भूखे को खाना खिलाते हैं, या किसी ज़रूरतमंद की मदद करते हैं, तो वह किसी भी मंदिर में की गई पूजा से ज़्यादा फलदायी है। गरीबों और ज़रूरतमंदों की सेवा करना सीधे भगवान की सेवा करना है।
भगवान का नाम जपो
वे भगवान के नाम का जाप करने की शक्ति पर बहुत ज़ोर देते थे। जप करने से मन शांत होता है, और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। नाम स्मरण एक सरल और शक्तिशाली तरीका है जिससे आप किसी भी क्षण ईश्वर से जुड़ सकते हैं और मुश्किल समय में शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
अहंकार त्याग दो
बाबा जी अहंकार को आध्यात्मिक मार्ग की सबसे बड़ी बाधा मानते थे। जब तक आप 'मैं' और 'मेरा' की भावना में जकड़े रहेंगे, तब तक आपको सच्ची खुशी और शांति नहीं मिल सकती। अपने अहंकार को त्यागकर, विनम्र बनें। विनम्रता ही आपको ज्ञान और आनंद की ओर ले जाती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
