अगर आप से भी हो जाए कोई भूल, इस मंत्र का जाप कर करें पश्चाताप
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2020 - 01:54 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक धर्म में अपन-अपने भगवान को पूजन की मान्यता है। बस फर्क इनके तरीकों में है। अगर बात हिंदू धर्म की हो तो इसमें मूर्ति पूजन का अधिक महत्व है। इसमें तमाम देवी-देवताओं की प्रतिष्ठित प्रतिमा की विधिवत पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इनकी संपूर्ण विधि बताई गई है। यही कारण हिंदू धर्म के लोग विधि वत पूजन-अर्चन करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं बहुत कम लोग हैं जिनकी पूजा पूरी मानी जाती है। जी हां, अब आप सोच रहे होंगे कि जब आप पूरे विधि विधान के अनुसार पूजा करते हैं तब भी पूजा अधूरी कैसे रह जाती है। तो आपको बता दें वो इसलिए क्योंकि कई बार पूजा के आख़िर में की जाने वाली सबसे आवश्यक चीज़ हम भूल जाते हैं।
नित्य पूजा करने से आंतरिक शक्ति मिलती है तथा मन शांत रहता है। धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों में जिन बातों का वर्णन है, उन नियमों से हम पूजा-पाठ करने की कोशिश तो करते हैं, परंतु अक्सर हमसे कहीं बार कोई न कोई गलती हो ही जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हिंदू धर्म में पूजा के बाद क्षमा मांगने का नियम है। जिसके लिए एक मंत्र दिया गया है। आइए जानते हैं वो मंत्र-
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥
मंत्र का अर्थात-
मैं आपको बुलाना भी नही जानता न ही आपको विदा करना आता है। मुझे पूजा-पाठ भी नहीं आता। आज तक मुझसे जो भी गलतियां हुई हैं उनके लिए मुझे क्षमा करें। मेरी प्रत्येक भूल को क्षमा कर मेरी ये क्षमा याचना स्वीकार करें।
ऐसा कहा जाता है क्षमा मांगने से हमारे अंदर अंहकार की भावना नही आती है। जो लोग मंत्र जाप नहीं कर सकते तो आप बिना मंत्र जाप के भी क्षमा याचना कर सकते हैं।