पौष पुत्रदा एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप, घर में खिल उठेगी खुशियों की रोशनी

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 01:37 PM (IST)

Pausha Putrada Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह पवित्र तिथि न केवल मोक्ष की प्राप्ति के लिए, बल्कि विशेष रूप से उन दंपत्तियों के लिए एक आशा की किरण मानी जाती है, जो संतान सुख की कामना कर रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की सच्ची श्रद्धा से की गई उपासना से वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि केवल व्रत रखना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूजा के दौरान यदि विशेष मंत्रों का जाप किया जाए, तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। यदि आप भी अपने कुल की उन्नति और घर के चिराग की प्राप्ति के लिए इस एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो पूजा की विधि के साथ इन सिद्ध मंत्रों का प्रभाव आपकी साधना को सफल बना सकता है। तोआइए जानते हैं, पौष पुत्रदा एकादशी पर वे कौन से शक्तिशाली मंत्र हैं, जिनका जाप आपके आंगन को खुशियों से भर सकता है।

Pausha Putrada Ekadashi

संतान प्राप्ति मंत्र

अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:

अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, म

म पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:।

ऊँ कृष्णाय विद्महे दामोदराय

धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव

जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।

क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः।

ओम बाल शिवाय विदमहे कालिपुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात्।।

प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।

ॐ क्लीं गोपालवेषधराय वासुदेवाय हुं फट स्वाहा ।।

ॐ नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः ।।

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।

सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।

ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥

Pausha Putrada Ekadashi

संतान स्तोत्र

नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।

सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।

गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।

गोप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मने।।

विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।

नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिने।।

एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।

प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।

शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।

भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।

ते सर्वे तव पूजार्थम विरता: स्यु:रवरो मत:।

पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।

Pausha Putrada Ekadashi

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Content Editor

Sarita Thapa

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