जानें, शास्त्रों में क्या है मोहिनी एकादशी का महत्व ?

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 10:59 AM (IST)

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आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन है और आज की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री हरि ने मोहिनी अवतार लिया था। कहते हैं कि आज के दिन भगवान कृष्ण का मोहिनी रूप में श्रृंगार किया जाता है। जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी के व्रत का पालन करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी की रात जागरण यानि कीर्तन जरूर करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इस एकादशी के महत्व के बारे में-
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मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार एकादशी के उपवास करने से व्यक्ति के सारे मोह बंधन नष्ट हो जाते हैं, अतः इसीलिए इसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कुछ ग्रंथों में बताया गया है कि इस एकादशी पर व्रत करने से गौ दान के बराबर पुण्य मिलता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है। 
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ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने सुमुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए अमृत को देवताओं में बांटने  के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था। जब समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त हुआ तो उसके बाद देवताओं और असुरों में आपाधापी मच गई थी। चूंकि ताकत के बल पर देवता द्वारा असुरों को हराना मुश्किल था। इसलिए चालाकी से भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों को अपने मोहपाश में बांध लिया और अमृत का पान देवताओं को करवा दिया। इसके पश्चात् देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया। 


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